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मुंबई : साइबर ठगी (Cyber Fraud) का मामला दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सेलिब्रिटीज भी इससे अछूते नहीं हैं। हाल ही में, आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान ने बताया था कि वह भी साइबर स्कैम की जाल में फंसने वाली थीं, लेकिन वह बाल-बाल बच गईं। कुछ दिन पहले टीवी एक्टर अर्जुन बिजलानी (Arjun Bijlani) भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो गये थे। उनके खाते से हजारों रुपये उड़ गये। अब उन्होंने इस बारे में बात की है।
अर्जुन बिजलानी ने बताया है कि कैसे वह साइबर ठगी का शिकार हो गये। सही समय पर उन्होंने मैसेज चेक कर लिया, वरना उन्हें लाखों की चपत लग जाती। उनके साथ साइबर ठगी उस वक्त हुई, जब वह जिम में वर्कआउट कर रहे थे। उनके पास कोई ओटीपी भी नहीं आया था।
जिम में वर्कआउट के दौरान उड़े हजारों पैसे
हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में अर्जुन बिजलानी ने कहा, "मेरा क्रेडिट कार्ड सिर्फ मेरे पास था और मैं जिम में वर्क आउट कर रहा था। छोटे से ब्रेक के दौरान मैंने अपना फोन चेक किया और हर एक मिनट के बाद मेरे क्रेडिट कार्ड के स्वाइप होने के कई मैसेज आ रहे थे और लगातार लेनदेन हो रहा था। मेरी पत्नी के पास भी एक सप्लीमेंट्री कार्ड है, इसलिए मैंने उनसे पूछा और वह कार्ड भी उनके पास था। तो यह साफ था कि डिटेल्स लीक हो गये और हमें यह पता नहीं है कि यह कैसे हुआ।"
समझदारी से बचे लाखों रुपये
अर्जुन बिजलानी ने आगे बताया कि जैसे ही उन्हें साइबर ठगी का शक हुआ, वैसे ही उन्होंने क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करवा दिया जिसकी वजह से लाखों का नुकसान होने से बच गया। अभिनेता ने कहा, "यह घटना आंखें खोलने वाली थी। अगर मैं उस समय सो रहा होता तो क्या होता? बहुत से लोग बैंकों के सभी मैसेजेस को चेक नहीं करते हैं, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि उन मैसेजेस को पढ़ना कितना जरूरी है।"
अर्जुन ने आगे कहा, "सौभाग्य की बात है कि मैंने इसे देखा और उस समय तक केवल सात से आठ लेनदेन ही हुए थे। हर लेनदेन पांच तीन से पांच हजार का था, कुल मिलाकर कार्ड के जरिए 40 हजा रुपये उड़ गये। मेरे क्रेडिट कार्ड की लिमिट 10 से 12 लाख रुपये है। अगर मैंने अपना फोन चेक न किया होता तो नुकसान ज्यादा हो सकता था।"
अर्जुन बिजलानी के पास नहीं आया था कोई OTP
'नागिन' एक्टर ने डिजिटल लेनदेन की कमियों पर चिंता जाहिर की। अभिनेता ने कहा कि उनके क्रेडिट कार्ड से पैसे उड़े, बिना किसी ओटीटी शेयर हुए। अभिनेता ने कहा, "प्रक्रिया यह है कि जब कोई भी क्रेडिट कार्ड लेनदेन होता है तो उससे पहले ओटीटी मिलता है, लेकिन मुझे यह नहीं पता है। मैं अब भी सोच रहा है कि मैंने कोई ओटीटी शेयर नहीं किया, फिर इतना सफलतापूर्वक लेनदेन कैसे हो रहा था।"
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Apurva Srivastav
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