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जिगरी दोस्त सतीश कौशिक को याद कर भावुक हुए अनुपम खेर, बोले- 'मेरे लिए ये बहुत टफ है'

Neha Dani
11 March 2023 6:08 AM GMT
जिगरी दोस्त सतीश कौशिक को याद कर भावुक हुए अनुपम खेर, बोले- मेरे लिए ये बहुत टफ है
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मैं जिंदगी को आगे बढ़ा रहा हूं मेरे दोस्त सतीश, तुम हमेशा मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा रहोगे।
एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। एक्टर का 9 मार्च को हार्ट अटैक से निधन हो गया। सतीश के जाने से उनके दोस्त अनुपम खेर टूट से गए हैं। अनुपम खेर और सतीश कौशिक की दोस्ती 45 साल पुरानी थी। अनुपम सतीश की यादों के सहारे जिंदगी को आगे बढ़ाने की कोशिश करना चाहते हैं। हाल ही में एक्टर ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह अपने दोस्त को एक बार फिर याद कर भावुक हो गए हैं।
वीडियो में अनुपम काफी दुखी नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं आप लोगों से इसलिए बात कर रहा हूं, क्योंकि मैं अपने दोस्त के जाने से दुखी हूं और इस बात से मैं बाहर नहीं आ पा रहा हूं। मुझे यह बात काए जा रही है कि सतीश आज हमारे बीच नहीं है, क्योंकि 45 साल की दोस्ती बड़ी गहरी होती है। एक आदत सी हो जाती है। एक ऐसी आदत, जिसे आप छोड़ना नहीं चाहते हैं और वो जबसे गया है तो मैं कुछ समझ ही नहीं पा रहा हूं। आज मैं सोच रहा था कि खाना खाऊं, क्या खाना खाऊं। फिर अचानक से याद आया कि चलो सतीश को फोन करता हूं। मैंने फोन उठाया और उसे फोन करने ही जा रहा था कि याद आया। मेरे लिए यह बहुत टफ है, क्योंकि 45 साल एक बहुत बड़ा समय है, किसी के साथ होने का हम दोनों ने सपने साथ में देखे। हम दोनों ने साथ में जिंदगी की शुरुआत की थी। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में हम दोनों साथ थे। समय था जुलाई 1975 इसके बाद हम साथ बैठते थे। वह डे स्कॉलर था, मैं हॉस्टलर था। उसके घर खाना- बैठना फिर बॉम्बे वो पहले आ गया था। मैं बाद में आया। फिर हमने बहुत मेहनत की, इस मुकाम पर पहुंचे और और कामयाबी हासिल की।
अनुपम ने आगे कहा- कई बार ऐसा होता था, जब हम दोनों एक- दूसरे से जलते भी थे, सड़ते भी थे, झगड़ा भी करते थे, पर फोन रोज सुबह 8 या साढ़े 8 पर हम दोनों एक- दूसरे को कर लेते थे। तो मेरा कल से किसी चीज में दिल नहीं लग रहा था, फिर मैंने सोचा कि मैं क्या करूं, क्योंकि मुझे इससे मूवऑन करना होगा। मेरे पिता का निधन हुआ, मैंने मूवऑन किया, आज सतीश नहीं है, इससे भी मुझे बाहर निकलना होगा। क्योंकि जिंदगी हमें यही सिखाती भी है। फिर मैंने सोचा कि जो मैं मन में सोच रहा हूं, वो सब मैं आप लोगों के साथ शेयर करूं, तो मैं कुछ बेहतर महसूस कर सकूंगा। यह सब कहते हुए अनुपम रोने लगते हैं। खुद को संभालते हैं और आगे कहते हैं कि जिंदगी तो आगे बढ़ानी पड़ती है। मैं जिंदगी को आगे बढ़ा रहा हूं मेरे दोस्त सतीश, तुम हमेशा मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा रहोगे।

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