x
आप एक झूठी दुनिया को बेचने की कोशिश करते हैं. मुझे लगता है कि सिनेमा भी ऐसा ही है.’
अन्नू कपूर (Annu Kapoor) एक एक्टर के तौर पर चार दशकों से अधिक समय से काम कर रहे हैं, लेकिन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आना, उनका सपना कभी नहीं था. अन्नू के नाना, दादा और चाचा भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान क्रांतिकारी थे. वे भी अपनी मातृभूमि की सेवा करना चाहते थे. एक्टर ने 12वीं की परीक्षा में 93 फीसदी अंक हासिल किए थे, लेकिन उनके माता-पिता के पास उनके आईएएस बनने के के सपने का समर्थन करने के लिए पैसे नहीं थे. अन्नू को परिवार का सपोर्ट करने के लिए, अपने पिता की थिएटर कंपनी में शामिल होना पड़ा.
अन्नू ने हिंदुस्तान टाइम्स से हुई बातचीत में कहा कि वे एक आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा नहीं कर सके, लेकिन एक अभिनेता के रूप में अपने देश की सेवा करने की अपनी जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं, हालांकि वे राजनीति में आना नहीं चाहते.
उन्होंने कहा, 'मैं राजनीति के लिए फिट नहीं हूं. मेरे पास राजनेता बनने की प्रतिभा नहीं है. अपने एक शो में, मैं समझा रहा था कि एक पॉलीटिक्स का अर्थ क्या है. पॉली का अर्थ है कई और टिशियन (tician) का अर्थ है- 'रेंगने वाले कीडे़'. राजनेता या न्यायपालिका या नौकरशाही में रहने वाले सभी लोग, हमारे सिस्टम की देन है.'
अन्नू कपूर को है भारत की चिंता
अन्नू कपूर अपनी खीझ जाहिर करते हुए कहते हैं, 'दुर्भाग्य है कि हमारा सिस्टम सबसे भ्रष्ट, पाखंडी और दिखावा करने वाली सिस्टमों में से एक है. मुझे स्विट्जरलैंड, अमेरिका की परवाह नहीं है, मुझे भारत की चिंता है. मैं अपने देश को बहुत गंभीरता से लेता हूं और मैं इसे लेकर बहुत दयनीय महसूस करता हूं.'
अरुंधति रॉय का किया जिक्र
अन्नू ने बुकर प्राइज विनर लेखिका अरुंधति रॉय के बारे में बात की और उन पर भारत को धोखा देने का आरोप लगाया. उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म और अभिनय के बारे में बात करते हुए कहा, 'जो लोग ओटीटी के टॉप पर बैठे हैं, वे विज्ञापन की दुनिया से आए हैं, जो एक मिनट के भीतर सब कुछ दिखा देना चाहते हैं. विज्ञापन की दुनिया में, आपको उन चीजों को बेचना है, जिनमें कोई खासियत नहीं है. आप एक झूठी दुनिया को बेचने की कोशिश करते हैं. मुझे लगता है कि सिनेमा भी ऐसा ही है.'
Next Story