क्या अमेरिका के खिलाफ खड़ा हो सकता है एससीओ, आखिर चीन की क्या है बड़ी साजिश

रूस यूक्रेन युद्ध और ताइवान में जंग जैसे हालात के मध्य चीन-रूस के नेतृत्व वाले शंघाई सहयोग संगठन की 15 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में शिखर बैठक हो रही है। इस आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े गठबंधन की दो दिवसीय बैठक में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। एससीओ की यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब भारत और चीन के बीच सीमा तक तनाव चरम पर है। दोनों ही देशों के सैनिक सीमा पर जमे हुए हैं। लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना ने अपनी घुसपैठ की है और कई दौर की बातचीत के बाद अब जाकर पीपी-15 को लेकर समझौता हुआ है। इसके अलावा चीन जिस तरह से अमेरिका विरोधी ईरान को इस संगठन से जोड़ना चाहता है, उससे यह आशंका प्रबल हो गई है वह एक नाटो के सामांतर एक 'पूर्वी नाटो' की स्थापना करना चाहता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शंघाई सहयोग संगठन आखिर किस दिशा की ओर बढ़ रहा है। इस बैठक में पूरी दुनिया की नजर भारत के रुख पर क्यों टिकी हुई हैं।