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पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान के बीच आम चुनाव जल्द, तारीख को लेकर होने वाली है बातचीत

Rounak Dey
24 July 2022 11:02 AM GMT
पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान के बीच आम चुनाव जल्द, तारीख को लेकर होने वाली है बातचीत
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उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान के बीच आम चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी एक साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, पाकिस्तान की मौजूदा सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) नए आम चुनाव कराने को लेकर तारीख के लिए बातचीत करने के लिए तैयार हुए। स्थानीय मीडिया स्रोतों के अनुसार साल 2022 के अक्टूबर महीने में आम चुनाव होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत में कुछ पाकिस्तानी संस्थान भी मध्यस्थता करने वाले हैं।


निर्णय गठबंधन दलों के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा: राणा सनाउल्लाह
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के पंजाब उपचुनाव जीतने के बाद पीएमएल-एन नेता और आंतरिक (गृह) मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि जल्द चुनाव होने वाले हैं, लेकिन निर्णय केवल गठबंधन दलों के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाएगा। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सनाउल्लाह ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। आंतरिक मंत्री ने कहा, 'इस मामले को पार्टियों के सामने पेश करने के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा।' इससे पहले इमरान खान कई बार यह बोल चुके हैं कि देश में आम चुनाव एक तटस्थ और उपयुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त (सीइसी) की देखरेख में होना चाहिए।

एक तटस्थ सीइसी की अध्यक्षता में चुनाव कराई जाए: इमरान खान
स्थानीय मीडिया के अनुसार, इमरान खान ने यह कहा है कि 'चयनित' यानी शहबाज सरकार को योजना और साजिश के माध्यम से जनता पर थोप दी गई है, इसलिए देश में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने चाहिए, अन्यथा लोकतंत्र कमजोर होता जाएगा। इमरान खान ने कहा, 'मेरी एकमात्र मांग है कि एक तटस्थ सीइसी की अध्यक्षता में चुनाव कराई जाए और लोगों को देश के भाग्य का फैसला करने दें।' इसके अलावा, उन्होंने यह दोहराया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार को एक साजिश के तहत गिराया गया था। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया जाना चाहिए।

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