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अक्षय खन्ना की फिल्म State of Siege : Temple Attack Review कसी हुई कहानी के साथ शानदार एक्टिंग पेश करती है, जाने बातें

Bhumika Sahu
9 July 2021 3:37 AM GMT
अक्षय खन्ना की फिल्म State of Siege : Temple Attack Review कसी हुई कहानी के साथ शानदार एक्टिंग पेश करती है, जाने बातें
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अक्षय खन्ना स्टारर 'स्टेट ऑफ सीज: टेम्पल अटैक' फिल्म जी 5 पर रिलीज कर दी गई है. फिल्म अक्षरधाम मंदिर पर हुए आतंकी हमले पर हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।

स्टारकास्ट- अक्षय खन्ना, विवेक दलिया, गौतम रोड़े , समीर सोनी,मंजरी फडनीस, अभिमन्यु सिंह
निर्देशन- केन घोष
प्लेटफॉर्म-जी5
स्टार-3/5
बॉलीवुड एक्टर अक्षय खन्ना (Akshaye Khanna) की नई फिल्म 'स्टेट ऑफ सीज: टेम्पल अटैक' ( State of Seige : Temple Attack) आज ओटीटी पर रिलीज हो गई है. ये खास फिल्म साल 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हुई आतंकी हमले (Akshardham Temple Attack in Gujarat 2002) के ऊपर आधारित है. इस फिल्म को जी5 पर 9 जुलाई को रिलीज किया गया है.
मल्टी स्टारर 'स्टेट ऑफ सीज: टेम्पल अटैक' में अक्षरधाम अटैक पर ही पूरी तरह से फोकस किया गया है. ऐसे में फिल्म को देखने से पहले जानिए ये खास फिल्म कैसी है. पढ़िए फिल्म का रिव्यू-
फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी 2001 से शुरू होती है जहां एनएसजी कमांडो हनुत सिंह(अक्षय खन्ना) अपनी टीम के साथ मिनिस्ट की बेटी को बचाने जाते हैं. यहां मिस्टर की बेटी को बचाने के बाद सीनियर के ऑर्डर को नजरअंदाज करने के कारण कुछ आतंकी हनुत के दोस्त को मार देते हैं, जिससे उसका कांफीडेंस लूज हो जाता है. वहीं रोहित बग्गा (विवेक दहिया) जो हनुत को खास पसंद नहीं करता है, जबकि समीर (गौतम रोड़े) हनुत का अच्छा दोस्त है. हनुत पर समीर को पूरा भरोसा है. इसके बाद कहानी सीधी 2002 में मोड़ लेती है, जहां एनएसजी की टीम गुजरात में जाती है, टीम मंत्री की सिक्योरिटी के लिए भेजी जाती है, लेकिन दूसरी तरफ अभिमन्यु सिंह जो फिल्म में विलेन (आतंकी) के रोल में हैं, उनके चार लड़के (आंतकी) अक्षराधाम मंदिर में हमला कर देते हैं. अचानक हुए आतंकी हमले में कई लोगों की जान चली जाती है. ये आतंकी एक और आतंकी (बिलाल) को छुड़ाने के लिए एक-एक करके कई आम लोगों की जान लेने लगते हैं. कमांडो हनुत सिंह के बहुत कहने पर उसको स्थिति को हाथ में लेने की जिम्मेदारी दी जाती है, इसके बाद वह अपनी टीम के साथ जाकर आतंकियों भिड़ता है….हनुत किस तरह से आतंकियों को मौत के घाट उतारता है, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
फिल्म में एक्टिंग
अगर हम फिल्म में एक्टिंग की बात करें तो ये बेहद ही शानदार है. अक्षय खन्ना ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि वह हर एक रोल में फिट बैठते हैं. जिस तरह से अक्षय ने कमांडो हनुत सिंह का रोल किया है, उससे साफ लगता है कि उनसे अच्छा ये रोल कोई नहीं कर सकता था. वहीं, विवेक, गौतम, समीर हर किसी ने अपने अपने रोल के साथ पूरा न्याय किया है. वहीं अभिमन्यु सिंह ने एक बार फिर से अपनी एक्टिंग से हैरान कर दिया है.
कैसा है निर्देशन
फिल्म का निर्देशन केन घोष ने किया है. केन इससे पहले 'फिदा' और 'इश्क- विश्क' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. केन ने अक्षराधाम के अटैक जैसे खास विषय पर फिल्म बनाकर इसके साथ पूरा न्याय किया है. फिल्म में उन्होंने हर चीज को बहुती ही खूबसूरती के साथ दिखाया है. फिल्म मे सिनेमोटोग्राफी भी बेहद शानदार है. छोटी छोटी चीजों को निर्देशक ने सूझ बूझ के साथ पेश किया है. वहीं फिल्म के निर्देशक ने शानदार तरीके से मूवी के लास्ट सीन से एक सस्पेंस भी छोड़ा है, जिससे लग रहा है कि फिल्म का अगला भाग भी आ सकता है.
कैसी है फिल्म
अक्षरधाम हमले पर बनी ये फिल्म आपको पूरी तरह से बांधकर रखने का काम करेगी. फिल्म अपने पहले सीन से लेकर अंतिम सीन तक कहीं भी ढीली पड़ती नजर नहीं आती है. फिल्म में गुजराती भाषा का प्रयोग हो या फिर लोगों की जान लेने का सीन हो , हर एक चीज बेहतरीन तरीके से पेश की गई है. फिल्म में किसी भी तरह का एक्स्ट्रा मसाला बिल्कुल भी नहीं लगाया गया है. इतना ही नहीं फिल्म एक परिवार की कहानी, एक बाप बेटे का प्यार, बच्चों का रूप हर एक को साथ में पिरोकर खूबसूरती के साथ पेश करती है. फिल्म में देश प्रेम वाली भावना भी बखूबी से पेश की गई है. फिल्म को देखकर आपको अच्छा महसूस होगा. लेकिन अगर आप मसालेदार फिल्में देखना पसंद करते हैं तो ये फिल्म आपके के लिए नहीं होगा.


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