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उन्होंने यह भी कहा कि निर्माता ने महासभा को आश्वासन दिया था कि फिल्म में समुदाय के खिलाफ कुछ भी नहीं दिखाया जाएगा।
अक्षय कुमार की 'पृथ्वीराज' रिलीज से पहले ही संकट में फंसती नजर आ रही है। एक तरफ करणी सेना है जो फिल्म के टाइटल में बदलाव की मांग कर रही है। तो दूसरी तरफ अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा है जो 12वीं शताब्दी के हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान को राजपूत मानने से इनकार कर रही है। इनका कहना है कि फिल्म में पहले पृथ्वीराज के एक गुर्जर राजा के तौर पर दिखाया जाए तभी वो इसे रिलीज होने देंगे।
'पृथ्वीराज' की रिलीज में दो हफ्ते से भी कम का समय रह गया है, पर लगता है हर पीरियड ड्रामा की तरह इसकी भी राहें आसान नहीं हैं। पहले दिन से इस फिल्म का विरोध कर रही करणी सेना का मानना है कि फिल्म के टाइटल में पृथ्वीराज चौहान के आगे सम्राट लगाना जरूरी है। करणी सेना के एक सदस्य सुरजीत सिंह राठौर का कहना है कि, 'हमने यश राज फिल्म के सीईओ अक्षय विधान से मुलाकात की है, जिसके बाद उन्होंने यह वादा किया है कि फिल्म के नाम में बदलाव किया जाएगा। इस मुलाकात के बाद वह हमारी इस मांग का सम्मान करने के लिए सहमत हो गए हैं।'
सुरजीत सिंह राठौर का कहना है कि 'अगर फिल्म के टाइटल में बदलाव नहीं किया गया होगा, तो पृथ्वीराज राजस्थान में रिलीज नहीं की जाएगी। हमने पहले ही राजस्थान में इस फिल्म को प्रदर्शित करने वालों को इस बारे में चेतावनी दे दी है। अगर फिल्म का टाइटल सम्राट पृथ्वीराज चौहान नहीं किया जाता है, तो हम उन्हें राजस्थान में फिल्म दिखाने की अनुमति नहीं देंगे।'
वहीं दूसरी तरफ अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मनीष भार्गव ने दावा किया कि उनके संगठन ने पिछले साल फिल्म के निर्माता से मुलाकात की थी और यहां तक कि उनकी फिल्म में तथ्यों को सुधारने के लिए इस मुद्दे पर ऐतिहासिक सबूत भी लाए थे। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माता ने महासभा को आश्वासन दिया था कि फिल्म में समुदाय के खिलाफ कुछ भी नहीं दिखाया जाएगा।
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