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जो फ़िल्म के लिए नुक़सानदायक साबित हो सकता है।
अक्षय कुमार की फ़िल्म बेलबॉटम का पहला गाना रिलीज़ हो गया है। गाने का शीर्षक मरजावां है। मरजावां रोमांटिक गीत है, जो अक्षय कुमार और वाणी कपूर पर फ़िल्माया गया है। मरजावां में अक्षय और वाणी की प्रेम कहानी पर फोकस किया गया है। दोनों की कैमिस्ट्री इस गाने की हाइलाइट है। बेलबॉटम 19 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है।
अक्षय ने गाने की क्लिप अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स से शेयर की है। इसके साथ उन्होंने लिखा- बेलबॉटम से मेरा पसंदीदा गीत, मरजावां आ गया है। यह धुन मेरे ज़हन में शूट के वक़्त से ही अटकी हुई है। बता दें, गाना गुरनज़र सिंह ने लिखा और कम्पोज़ किया है। संगीत गौरव देव और कार्तिक देव का है। गुरनज़र और आशीष कौर ने इसे आवाज़ दी है।
बेलबॉटम स्पाई थ्रिलर फ़िल्म है, जिसकी कहानी 1984 में स्थापित है। कहानी एक प्लेन हाइजैक की घटना के इर्द-गिर्द घूमती है। अक्षय फ़िल्म में सीक्रेट एजेंट बने हैं, जिसका कोडनेम बेलबॉटम है। फ़िल्म का निर्देशन रंजीत एम तिवारी ने किया है। वाणी कपूर, अक्षय की पत्नी के किरदार में हैं। लारा दत्ता फ़िल्म में पूर्व प्रधानमंत्री लारा दत्ता के रोल में दिखेंगी। वहीं, हुमा कुरैशी अक्षय का उनके मिशन में साथ देती नज़र आएंगी।
My favourite song, #Marjaawaan from #BellBottom out now! This tune has been stuck in my head ever since the shoot 😍 Full video on the @saregamaglobal Music YouTube Channelhttps://t.co/gJhNYeKzzg@gurnazarchattha @AseesKaur #GauravDev #KartikDev@vashubhagnani @Vaaniofficial pic.twitter.com/2bwkzEr3Wz
— Akshay Kumar (@akshaykumar) August 6, 2021
अक्षय, लारा और हुमा के साथ फ़िल्में कर चुके हैं, मगर वाणी के साथ उनकी जोड़ी पहली बार बनी है। दूसरी लहर के बाद रिलीज़ होने वाली यह पहली बॉलीवुड फ़िल्म है। अक्षय की इस फ़िल्म के बाद उम्मीद की जा रही है कि कुछ और बड़ी फ़िल्मों की रिलीज़ डेट एनाउंस हो सकती है। बेलबॉटम की शूटिंग पिछले साल स्कॉटलैंड में पैनडेमिक के दौरान की गयी थी।
अभी देश के कई राज्यों में सिनेमाघर पूरी तरह नहीं खुले हैं। महाराष्ट्र में 2 अगस्त से सिनेमाघर खुलने की उम्मीद थी, मगर ताज़ा फ़ैसले के मुताबिक राज्य सरकार ने अभी बंद रखने का फ़ैसला किया है। मुंबई सर्किट हिंदी फ़िल्मों के लिए सबसे बड़ा और अहम बाज़ार माना जाता है। वहीं, हिंदी पट्टी वाले राज्यों में भी सिनेमाघरों को 50 फीसदी क्षमता के साथ सिनेमाघर खोलने की अनुमति है। ऐसे में स्क्रींस की संख्या काफ़ी कम हो जाएगी, जो फ़िल्म के लिए नुक़सानदायक साबित हो सकता है।
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