Dilip Kumar के जाने के बाद अब क्या होगा पेशावर वाली पुश्तैनी हवेली का?
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारतीय सिनेमा को अपनी बेहतरीन अदाकारी से नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले महान अभिनेता और 'ट्रैजेडी किंग' दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद 7 जुलाई की सुबह मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। दिलीप कुमार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई और इस तरह भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया। उनके निधन के बाद बॉलीवुड शोक की लहर में डूब गया। ज्ञात हो कि दिलीप कुमार का जन्म पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था। विभाजन के बाद दिलीप कुमार का परिवार पाकिस्तान से मुंबई आ गया था। मगर पेशावर में बिताए अपने बचपन और उस घर को दिलीप कुमार हमेशा याद करते थे।
नवाज शरीफ ने इन हवेलियों को राष्ट्रीय धरोहर किया था घोषित
साल 2014 में दिलीप कुमार और राज कपूर के पुश्तैनी हवेलियों को तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। उसके बाद खैबर पख्तूनख्वाह प्रोविंशियल सरकार ने इसे म्यूजियम बनाने का पहल किया था। लेकिन यह मामला पाकिस्तान सरकार और मौजूदा मालिक के बीच में उलझा रह गया। अब पुश्तैनी हवेली पर औपचारिक संरक्षण की प्रक्रिया चल रही है। मौजूदा मालिकों को इस काम के लिए 18 मई तक का समय दिया था। लेकिन अफसोस दिलीप साहब हवेली के सुधरने से पहली ही दुनिया छोड़कर चले गए।
Ancestral house of #DilipKumar in #Peshawar pic.twitter.com/WMaBInAAcN
— Shiraz Hassan (@ShirazHassan) September 29, 2020
अब संपत्तियों का स्वामित्व पाक सरकार के पास है
पाकिस्तान पुरातत्व के निदेशक अब्दुस समद ने पेशावर के उपायुक्त को सौंपी है। पाकिस्तान न्यूज चैनल डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों मकानों के वर्तमान मालिकों को अंतिम नोटिस जारी करने के बाद सरकार की तरफ से ये कदम उठाया गया है। खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व निदेशक अब्दुस समद के मुताबिक सरकार दोनों ही हवेलियों पर जल्द ही कब्जा लेने वाली है और दोनों हवेलियों के मरम्मत का काम शुरू करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, 'सरकार की कोशिश है कि दोनों महान अभिनेताओं के पुश्तैनी हवेलियों को संरक्षित किया जाए और उन्हें म्यूजियम के तौर पर विकसित किया जाए।
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