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जानिए आखिर कैसे एक कोरियोग्राफर का बेटा बन गया बॉलीवुड का सिंघम

Tara Tandi
10 Oct 2021 2:51 AM GMT
जानिए आखिर कैसे एक कोरियोग्राफर का बेटा बन गया बॉलीवुड का सिंघम
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अजय देवगन भारतीय एक्टर, फिल्म डायरेक्टर और प्रोडयूसर भी हैं

अजय देवगन भारतीय एक्टर, फिल्म डायरेक्टर और प्रोडयूसर भी हैं. वे अभी तक 100 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं. अपने काम के दम पर अजय देवगन कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित भी हो चुके हैं. जिनमें 2 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 4 फिल्म फेयर अवॉर्ड्स, 2016 में इन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से भी नवाजा था. साल 1991 में अजय देवगन ने फूल और कांटे फिल्म से अपना करियर शुरू किया था और जो इनकी एक्शन फिल्म थी. अजय देवगन की पहली फिल्म ही जबरदस्त हिट रही थी.

बॉलीवुड में कोरियोग्राफर थे अजय के पिता

इनके पिता वीरू देवगन फिल्म इंडस्ट्री में कोरियोग्राफर और फाइट डायरेक्टर थे. बचपन से ही वीरू देवगन अपने बेटे अजय को हीरो बनाना चाहते थे. उन्होंने अजय को छोटी उम्र से ही घुड़सवारी, तैराकी, फाइटिंग, दो बाइक पर खड़े होकर राइडिंग करना और न जाने कैसे-कैसे करतब सिखाए. जिसके बाद उनकी पहली फिल्म में ही दर्शकों को एक साथ इतना सारा मसाला देखने को मिला, जिसके बाद से ही वे दर्शकों के दिलों पर राज करने लगे. यही वजह रही कि अजय देवगन अपनी पहली फिल्म से ही एक्शन हीरो के रूप में स्थापित हो गए.

कुछ ऐसी है अजय देवगन की सुपरहिट फिल्मों की लिस्ट

इनकी बहुत सारी सफल फिल्मों में से कुछ की लिस्ट इस प्रकार हैः जिगर (1992), संग्राम (1993), दिलवाले (1994), दिल जले (1996) में बहुत सफल रही थी. उसके बाद इनकी बहुत सारी फिल्में आई, जिसने आलोचकों का भी मुंह बंद कर दिया. उनमें से कुछ फिल्में इस प्रकार हैं- जख्म, हम दिल दे चुके सनम, कंपनी, दीवानगी, द लेजेन्ड ऑफ भगत सिंह. गोलमाल एक फन मूवी थी, उसके बाद गोलमाल रिटर्न्स, ऑल द बेस्ट-फन बिगिन्स, गोलमाल रिटर्नस, गोलमाल-3, गोलमाल अगेन आई. इसके अलावा उन्होंने सिंघम, बोल बच्चन, सिंघम रिटर्न्स जैसी कई हिट फिल्मे दीं.

साल 1999 में अजय देवगन ने उस समय की अत्यधिक सफल अभिनेत्री काजोल के साथ विवाह किया. काजोल भूतपूर्व अभिनेत्री तनुजा की पुत्री हैं. इनके दो बच्चे हैं- एक बेटी और एक बेटा. इनका अपना प्रोडक्शन हाउस है और फिल्मों में ये डिपेंडेबल एक्टर समझे जाते हैं. मुझे याद आ रहा है कि एक बार महेश भट्ट ने इनके बारे में कहा था कि अजय देवगन की आंखे एकदम जीवन्त हैं और वे बहुत सारी बातें बिना कहे ही अपनी आंखों के एक्सप्रेशन से कह जाते हैं. इनकी सफलता में इनकी आंखों का बहुत बड़ा योगदान है.

मुंबई में हुआ था अजय का जन्म

अजय देवगन का जन्म 2 जुलाई 1970 को दोपहर में मुंबई में हुआ था. इनके जन्म के समय ग्रह स्थिति इस प्रकार थी- लग्न-तुला, बृहस्पति-तुला, राहु-कुंभ, शनि-मेष, सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध-मिथुन, शुक्र-कर्क और केतु-सिंह.

इनका लग्न तुला है और नवम भाव में चार ग्रह- सूर्य, मंगल, बुध और चन्द्र बैठे हुए है. नवम भाव पिता का भाव होता है और इस भाव में प्रवज्र एक उत्तम राजयोग भी बना हुआ है. इस योग को लग्न में स्थित बृहस्पति भी देख रहा है. इसका आशय यह हुआ कि इनके पिता दिलोजान से बचपन से ही इस बालक पर विशेष देंगे और अपना पूरा अनुभव उसे सहजता से प्रदान कर देंगे और बच्चा उस सबको सहज ही ग्रहण करता चला जायेगा. ये कुंडली यह भी बताती है कि अजय के जन्म के बाद इनके पिता के कार्य और प्रसिद्धि में स्टेब्लिटी आनी चाहिए.

जब भाग्य स्थान में कोई उच्च कोटि का राजयोग बना हो तो व्यक्ति जन्म से ही भाग्यवान होता है. जैसे-जैसे वो बढ़ता है उसकी तरक्की और वर्चस्व उत्तरोत्तर बढ़ने लगता है. ये अपने आप में एक बहुत सुखद स्थिति है किसी भी कुंडली के लिए. इस योग के बारे में जितना भी कहा जाये वो कम है. इनके पिता कोरियोग्राफर और फाइट डायरेक्टर थे. वो प्रसिद्ध थे लेकिन जो मुकाम अजय देवगन का है वो अपने आप में अद्वितीय है.

सप्तम भाव में नीच का शनि है लेकिन बृहस्पति से दृष्ट है. शनि इस कुंडली में कारक भी है और सप्तम भाव में होने से शुभ भी बन पड़ा है. 1999 में इनकी शादी सफल अभिनेत्री काजोल से हुई और उसके बाद इनका फिल्मी करियर बुलंदियों को छूने लगा.

पंचम भाव में राहु की स्थिति बहुत अच्छी है. इस भाव का संबंध भी एक्टिंग से है और ये काफी अपनी एक्टिंग में एक्सपरीमेंट भी करते हैं. रोल चाहे किसी भी प्रकार का हो- एक्शन हो, सीरीयस हो, कॉमेडी हो या देवदास टाइप हो ये उसमें बखूबी फिट इन हो जाते हैं और दर्शकों का दिल जीत लेते हैं.

लग्नेश शुक्र दशम भाव में है और शुक्र का संबंध फिल्मी दुनिया या ग्लैमर से होता है. दशम भाव कर्म का होता है. ये अपने कर्म से जाने जाते हैं. ये बात सही है कि शुरू में इनके पिता ने इनकी बड़ी मदद की लेकिन ये पूरी दुनिया में जाने तो अपने कारण जाते हैं. यह कमाल होता है जब लग्नेश कर्म भाव में हो.

इनकी कुंडली का करामाती ग्रह बृहस्पति है. इसके दो कारण हैं. एक तो बृहस्पति शनि से दृष्टि संयोग बनाये हुए है और शनि ने अपनी पूरी ताकत बृहस्पति को दी हुई है. बृहस्पति शुक्र के घर में बैठा हुआ है और शुक्र दशम भाव में स्थित है. उल्लेखनीय है कि बृहस्पति वर्गोत्तम भी है. 1990 में इन्हें 16 वर्षीय बृहस्पति की महादशा प्रारम्भ हुई जो 2006 तक चली. इनका फिल्मी करियर 1991 में शुरू होता है और उसके बाद ये रॉकेट पर सवार होकर आसमान की ऊंचाइयों नापते चले जा रहे हैं.

लेखक के बारे में: डॉ. अजय भांबी, ज्योतिष का एक जाना-पहचाना नाम हैं. डॉ. भांबी नक्षत्र ध्यान के विशेषज्ञ और उपचारकर्ता भी हैं. एक ज्योतिषी के रूप में पंडित भांबी की ख्याति दुनिया भर में फैली है. इन्होंने अंग्रेजी और हिंदी भाषा में कई किताबें लिखी हैं. साथ ही वह कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं के लिए लेख लिखते हैं. उनकी हालिया किताब प्लैनेटरी मेडिटेशन- ए कॉस्मिक अप्रोच इन इंग्लिश, काफी प्रसिद्ध हुई है. थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री द्वारा बैंकाक में उन्हें World Icon Award 2018 से सम्मानित किया गया. उन्हें अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है.

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