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वहां की भाषा बोलते है.
मिर्जापुर के कालीन भैया के नाम से पर्दे पर अपनी अलग ही पहचान बना चुके एक्टर पंकज त्रिपाठी इन दिनों अक्षय कुमार के साथ फिल्म ओह माय गॉड 2 की शूटिंग में व्यस्त हैं. अक्षय के साथ उनका उज्जैन के महाकाल मंदिर में शूट का विडियो खूब वायरल हो रहा है.
इस व्यस्त शेड्यूल में से वक्त निकालकर पंकज अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का भी निर्वहन करने से पीछे नहीं रहते. उन्होंने बिहार की जनता से पंचायत चुनावों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की है.
अक्षय कुमार के साथ पंकज त्रिपाठी
किसान के पुत्र हैं पंकज
धरती पुत्र के नाम से मशहूर पंकज त्रिपाठी बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के एक गांव बेलसंड के रहने वाले हैं. एक किसान के बेटे पंकज ने ग्रामीण जीवन और उसके भीतर की समस्याओं को बहुत करीब से देखा है. उनके सपनों ने उन्हें मुंबई के शहरी जीवन के अनुकूल बनाया लेकिन वे अपनी जड़ों को नहीं भूले.
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बिहार के रहने वाले हैं पकंज त्रिपाठी
एक ग्रामीण के जीवन में पंचायत चुनावों के महत्व के बारे में संदेश फैलाने के लिए जब राज्य चुनाव आयोग, बिहार के अधिकारियों द्वारा उनसे संपर्क किया गया, तो वे इस विचार पर कूद पड़े. वह समझते हैं कि देश की प्रगति के लिए शासन के हर स्तर को अपनी जड़ों से मजबूत करने की जरूरत है. 68% से अधिक भारतीय आबादी ग्रामीण भारत में रहती है और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि यह वर्ग शासन के महत्व को समझता है और पूरे दिल से भाग लेता है.
जरूर दें वोट
इस अवसर पर बोलते हुए पंकज ने कहा, "पंचायत चुनाव बुनियादी लोकतंत्र का एक बेहतरीन उदाहरण है और सभी को अपनी बेहतरी के लिए आगामी चुनावों में भाग लेना चाहिए. पंचायत चुनाव की सुंदरता इस तथ्य में निहित है कि प्रतियोगी गांव से ही हैं, इसलिए ग्रामीणों के लिए अपने उम्मीदवारों को अच्छी तरह से जानना आसान हो जाता है. चुनाव आयोग ने चुनाव की प्रक्रिया को मानकीकृत करने के लिए बायोमेट्रिक और ईवीएम जैसी आधुनिक तकनीकों की शुरुआत की है.
सामाजिक दायित्व भी निभाते हैं पंकज
पंकज त्रिपाठी आज देश के सबसे लोकप्रिय शख्सियतों में से एक हैं. यह स्वाभाविक ही है कि राज्य चुनाव आयोग, बिहार, उनके जैसे व्यक्ति का संयोग लेते हुए जो ज़मीन से जुड़े है और वहां की भाषा बोलते है.
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