x
सोनी सब टीवी के पॉपुलर सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के जेठालाल यानी एक्टर दिलीप जोशी (Dilip Joshi) सुर्खियों में हैं
सोनी सब टीवी (Sony Sab Tv) के पॉपुलर सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) के जेठालाल (Jethalal) यानी एक्टर दिलीप जोशी (Dilip Joshi) सुर्खियों में हैं. हाल ही में दिलीप ने अपने ट्वीट के जरिए 20 महीने की बच्ची की मदद करने के लिए अपील की है. अपने ट्वीट में दिलीप जोशी ने सहकलाकार मंदार चांदवड़कर (भिड़े मास्टर) ने कुछ दिन पहले पोस्ट किए हुए वीडियो के लिंक को शेयर करते हुए कहा है कि 'आइए हम सब एक साथ आएं और मदद करें'. मंदार ने अपने वीडियो में जिसका जिक्र किया है, वह बच्ची महज 20 महीने की है. उसका नाम श्रव्या है और उसे 'एसएमए टाइप ए' (SMA Type A) नाम की बीमारी हुई है.
भिड़े का किरदार निभाने वाले मंदार ने अपने वीडियो में आगे कहा है कि इस बीमारी के लिए एक 15 दिन के ट्रीटमेंट की जरुरत होती है. इस ट्रीटमेंट के लिए जो ड्रग्स मंगाया जाता है, वो अमेरिका में मिलता है और उसकी कीमत है 16 करोड़ रुपए. यह रकम आम परिवार के लिए काफी बड़ी है और इस वजह से श्रव्या के माता पिता इतने पैसे इकठ्ठा नहीं कर पा रहे है. मंदार कहते हैं, यह रकम काफी बड़ी है और इसलिए मैं आपसे यह अपील करना चाहता हूं कि आपसे जीतनी हो पाएं मदद कीजिए. कोई भी मदद छोटी नहीं होती. हम सभी कोशिश कर रहे है. उन्होंने यह भी कहा था कि वो चाहते है यह रकम 15 जुलाई से पहले इकठ्ठा हो.
अब दिलीप जोशी ने किया ट्वीट
Let's all come together n help as much as we can… https://t.co/m3D3qP19S0
— Dilip Joshi (@dilipjoshie) July 19, 2021
हालांकि अभी 15 जुलाई को 4 दिन बीत गए है और अभी भी श्रव्या के लिए 16 करोड़ की रकम इकठ्ठा नहीं हो पाईं है. 16 करोड़ में से अब तक केवल 36 लाख रुपए कंट्रीब्यूशन हो पाया है और इसलिए अब खुद दिलीप जोशी इस बारें में ट्वीट कर रहे है. क्योंकि उनके ट्वीट करने से उम्मीद की जा रही है कि ज्यादातर लोग नन्ही श्रव्या की मदद के आगे आ सकते है.
एसएमए टाइप ए
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) (Spinal muscular atrophy) एक अनुवांशिक बीमारी है जो नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करती है, जिससे मांसपेशियां तेजी से कमजोर होती जाती हैं. यह ज्यादातर शिशुओं और बच्चों को यह बीमारी होती है. एसएमए में बीमारी के प्रकार के आधार पर लक्षण और रोग का निदान होता है. एसएमए वाले लगभग 60% पेशेंट्स में टाइप 1 होता है. लक्षण जन्म के समय या शिशु के जीवन के पहले छह महीनों के भीतर दिखाई देते हैं. टाइप 1 एसएमए वाले शिशुओं को निगलने और चूसने में कठिनाई होती है. टाइप 1 एसएमए वाले अधिकांश बच्चे अपने दूसरे जन्मदिन से पहले मर जाते हैं.
Next Story