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एक्टर धर्मेंद्र ने फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए कही ये बात - 'हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती

Tara Tandi
22 July 2021 9:41 AM GMT
एक्टर धर्मेंद्र ने फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए कही ये बात - हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती
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हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर धर्मेंद्र सोशल मीडिया के ज़रिए अपने फैंस और फॉलोअर्स से संवाद करते रहते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर धर्मेंद्र सोशल मीडिया के ज़रिए अपने फैंस और फॉलोअर्स से संवाद करते रहते हैं और अक्सर पुरानी यादों को अपने ट्वीट्स और वीडियोज़ के ज़रिए साझा करते रहते हैं। इनमें कई बार गुज़रे ज़माने की ख़ूबसूरत यादें होती हैं तो कई बार कसक भी छिपी होती है। अब धर्मेंद्र ने ऐसा ही एक वीडियो पोस्ट करके फ़िल्मों और हक़ीक़त के बीच फ़र्क बताया है।

यह वीडियो गुड्डी का है, जिसमें धर्मेंद्र ने स्पेशल एपीयरेंस किया था। फ़िल्म में मुख्य किरदार जया भादुड़ी (बच्चन) ने निभाया था। फ़िल्म में गुड्डी बनी जया को फ़िल्मी हीरो धर्मेंद्र का ज़बरदस्त फैन दिखाया गया था। उन्हें फिल्मों की वास्तविकता से परिचित करवाने के लिए एक धर्मेंद्र फ़िल्म सेट की विजिट करवाते हैं और असलियत बताते हैं। इस वीडियो के साथ धर्मेंद्र ने लिखा- हर चमकने वाली चीज़ सोना नहीं होती। दोस्तों, गुड्डी में इस चमक की हक़ीक़त से पर्दा हटाया था। दुखी दिल से कह रहा हूं, मोहन स्टूडियो का यह स्टेज जल गया था। यहां मेरा स्क्रीन टेस्ट हुआ था।

गुड्डी के इस सीन में धर्मेंद्र कह रहे हैं- यहां मैंने अपना करियर शुरू किया था बिमल दा के साथ। बिमल रॉय... बंदिनी बन रही थी। बिमल दा नहीं रहे। यह स्टूडियो भी ख़त्म हो गया। दो बीघा ज़मीन, बंदिनी, मधुमती... कितनी बड़ी-बड़ी तस्वीरें बनी हैं यहां। किसे याद हैं वो नाम। धुंधले होते-होते एक दिन यह नाम भी मिट जाएंगे। और यह जगह जो कला का तीर्थ स्थान होनी चाहिए थी, एक दिन यहां साबुन की फैक्ट्री बन जाएगी।

इस वीडियो पर धर्मेंद्र के कई फैंस ने कमेंट किये हैं। वहीं, एक फैन ने इस बात पर अफ़सोस जताया कि इतनी हिट फ़िल्में देने के बावजूद धर्मेंद्र को पुरस्कार नहीं मिले। इस पर धर्मेंद्र ने जबाव दिया- किस को कितनी ट्रॉफीज़ मिलीं, कौन याद रखता है। आप सब का इतना प्यार मेरे लिए। मेरे मालिक की अनमोल ट्रॉफी है।


बता दें, ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित गुड्डी 1971 में रिलीज़ हुई थी। 24 सितम्बर को फ़िल्म की रिलीज़ को 50 साल पूरे हो जाएंगे। फ़िल्म का स्क्रीनप्ले ऋषि दा, गुलज़ार और डीएन मुखर्जी ने लिखा था। कहानी गुलज़ार की ही थी। फ़िल्म में धर्मेंद्र और जया के अलावा उत्पल दत्त, समित भांजा, एके हंगल, असरानी और केश्टो मुखर्जी ने अहम किरदार निभाये थे।

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