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अभिनय सम्राट दिलीप कुमार
संयम श्रीवास्तव। 7 जुलाई 2021 ऐसी तारीख जिसने हमसे एक महानायक, अभिनय के बादशाह को हमसे छीन लिया. एक ऐसा अभिनेता जिसे ट्रेजेडी किंग कहा गया, जिसे दुनिया का पहला मेथाडॉलजी ऐक्टर कहा गया, एक ऐसा कलाकार जो अपने साथी कलाकारों के रिटायरमेंट के बाद अपनी दूसरी पारी शुरू करता है और एंग्री ओल्ड मैन कहा जाता है. एक ऐसा कलाकार जिसे उसके समाकालीन और बाद के अभिनेता कॉपी करते हुए फख्र महसूस करते रहे. एक ऐसा अभिनय संस्थान जिससे अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और शाहरूख खान (Shahrukh Khan) जैसे सुपर सितारे भी कभी डायलॉग अदायगी में तो कभी खड़े होने, रोमांटिक और ट्रेजेडी सीन के लिए अपना इंस्पिरेशन मानते रहे.
बुधवार को उस महान अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का 98वें साल की उम्र में मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में निधन हो गया. दिलीप कुमार एक्टिंग के बादशाह थे और आगे भी रहेंगे. अभिनय के मामले में वे अपने दौर के कलाकारों से तो आगे थे ही, उनके दौर के बाद भी कलाकार और फिल्मकार उनको रिपीट कर रहे हैं. यही उनकी महानता है. उनके समकालीन राजकपूर हों और देवानंद को पिछली सदी के आंठवें दशक तक पब्लिक भूल चुकी थी. पर दिलीप कुमार फिल्मकारों और सिने दर्शकों की पहली पसंद बने हुए थे. आंठवें दशक के बाद बड़े डायरेक्टर की महंगी फिल्मों में दिलीप कुमार की डिमांड थी और फिल्में सुपर हिट भी हो रही थीं. जबकि इस दशक में दिलीप कुमार कैरेक्टर रोल करने लगे थे. उनकी उम्र भारतीय फिल्मों में हीरो के लायक नहीं रह गई थी. पर लगातार उनके लिए स्पेशल स्क्रिप्ट लिखी जार रही थी जिसमें 60 से 65 साल के व्यक्ति के लीड रोल में वो नजर आ रहे थे. पिछले पांच दशकों से बॉलिवुड पर राज कर रहे अमिताभ बच्चन हों या शाहरुख खान भी खुद इस बात को स्वीकार करते रहे हैं कि वो दिलीप कुमार के एक्टिंग के कायल हैं और उनके अभिनय पर इस महान एक्टर की छाप है.
अमिताभ ने स्वीकार किया कि वो दिलीप साहब की एक्टिंग के कायल हैं
अमिताभ बच्चन के शुरुआती दौर की फिल्में सात हिंदुस्तानी, आनंद और परवाना देखकर समीक्षकों ने कहा था अभिताभ में दिलीप कुमार की छाप है. हालांकि बाद की भी कई फिल्मों में अभिताभ ने दिलीप साहब को डिट्टो कॉपी किया है. कुछ तो बॉलिवुड कलाकारों की मजबूरी भी थी दिलीप कुमार के स्टाइल और उनकी अदा की नकल करना. क्योंकि दिलीप साहब जीते जी अपने आप में एक संस्थान बन चुके थे. न चाहते हुए उनकी नकल नए कलाकारों की मजबूरी थी. एक्टिंग ही क्यों फिल्म और फिल्मों के सीन भी कॉपी किए जाते थे. अमिताभ बच्चन की महान फिल्म दीवार और दिलीप कुमार की गंगा जमुना आज के लोग देखेंगे तो कहेंगे कि गंगा जमुना की दीवार रिमेक है. अमिताभ बच्चन की फिल्म मर्द की आइने वाली कॉमेडी सीन दिलीप कुमार की फिल्म कोहिनूर से लिया गया था. हालांकि यह भी सही है कि ये सीन एक हॉलीवुड की मूवी से लिया गया था.
अमिताभ बच्चन दिलीप कुमार से इतने ज्यादा प्रभावित थे कि जब दिलीप कुमार की आत्मकथा 'दिलीप कुमार: द सब्सटेंस एंड शैडो' की लॉन्चिंग हो रही थी तब अमिताभ बच्चन ने कहा था, 'किसी अदाकार के किसी किरदार को आप देखें तो आप कह सकते हैं कि इसे ऐसे किया जा सकता था या वैसे किया जा सकता था. लेकिन दिलीप साहब ने जो किरदार कर दिया वहां कोई गुंजाइश नहीं रह जाती. दिलीप साहब का कोई विकल्प ही नहीं है.'
शाहरुख ने कहा कि दिलीप साहब के सामने मैं कुछ भी नहीं
शाहरुख खान भी अक्सर अपने इंटरव्यू में यह कहते दिखाई पड़ जाते हैं कि वह अगर किसी से कुछ सीखते हैं तो उन में सबसे ऊपर नाम दिलीप कुमार का होता है. नसरीन मुन्नी कबीर की किताब "द डायलॉग्स ऑफ देवदास" के लोकार्पण के मौकै पर शाहरुख खान ने कहा था कि आप दिलीप कुमार की नकल नहीं कर सकते. जिस किसी ने भी की वो मेरी तरह बेवकूफ थे. दरअसल शाहरूख खान की देवदास के बहुत पहले दिलीप कुमार की देवदास बन चुकी थी. शाहरूख पर आरोप लगे कि उन्होंने कई सीन में दिलीप साहब को डिट्टो कॉपी किया है. शाहरुख ने कहा, कि मैं ऐसा कलाकार नहीं हूं जो ऐसी फिल्म में काम करे जिस पर पहले ही बहुत अच्छे से काम किया जा चुका हो. उन्होंने कहा कि मैं बेवकूफ था जो देवदास में काम किया, अब मैं मेच्योर हो चुका हूं और अधिक बुद्धिमान भी इसलिए शायद अब दुबारा ऐसा न करूं.
दरअसल शाहरुख खान दिलीप कुमार को तब से जानते हैं जब वह दिल्ली में रहा करते थे. 2013 के अपने एक इंटरव्यू के दौरान शाहरुख खान ने बताया था कि वह बचपन से दिलीप कुमार को जानते हैं, क्योंकि उनके पिता उन्हें जानते थे. और दोनों दिल्ली की एक ही गली में रहते थे. बकौल शाहरुख खान वह दिलीप कुमार के घर अक्सर जाया करते थे. शाहरूख की एक्टिंग को देखकर एक बार दिलीप कुमार की पत्नी सायराबानो ने कहा था कि दिलीप कुमार का बेटा होता तो शायद ऐसा ही होता.
आठवें दशक के सुपर स्टार थे दिलीप साहब
आठवें दशक में जब दलीप कुमार बूढ़े हो रहे थे और उनके दौर के सितारों को काम मिलना बंद हो गया था तो इस एक्टिंग के बादशाह की भारी डिमांड थी. अगर ठीक से समीक्षा की जाए तो आठवें दशक में बॉलिवुड सिनेमा के सही मायने में वे ही सुपर स्टार थे. बाॉलिवुड की दूसरी पारी शुरू की तो उनका एक नया रूप दर्शकों को देखने को मिला. एंग्री ओल्ड मैन का लुक. क्रांति, विधाता, दुनिया, कर्मा, मशाल, मजदूर, सौदागर और शक्ति जैसी फिल्मों में दिलीप कुमार ने एंग्री ओल्ड मैन का किरदार निभाया, जो शानदार था. इन फिल्मों में निभाए गए किरदार दर्शकों के बीच अपनी एक अलग छाप छोड़ते थे जो एंग्री यंग मैन (अमिताभ बच्चन) पर भारी पड़ रहे थे.
अमिताभ का बच्चन का दौर खत्म हो रहा था. कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान घायल होने के बाद करीब 2 साल तक फिल्मों से दूर रहे. अस्पताल से छूटने के बाद उनकी फिल्में नास्तिक, महान फ्लॉप हो चुकीं थीं. कुली जरूर हिट रही पर ये माना गया कि पब्लिक उनके घायल होने वाले सीन को देखने के लिए थियेटर पहुंच रही थी. अमिताभ के लोकप्रियता का ये हाल था कि कुली फिल्म में घायल होने वाले सीन को रोक कर यह पट्टी लिखी गई थी कि 'इसी सीन पर अमिताभ बच्चन घायल हुए थे.' दिखाई जाती थी. पर इस बीच 1981 में ही दिलीप कुमार अभिनीत क्रांति सुपरहिट हो चुकी थी. शक्ति में दिलीप कुमार उस जमाने के सुपर सितारे अमिताभ बच्चन पर भारी पड़े थे. फिर आई विधााता जिसके बाद उनकी छवि एंग्री ओल्ड मैन की बन चुकी थी. और सुभाष घई, बीआर चोपड़ा, रमेश सिप्पी और यश चोपड़ा जैसे बड़े डायरेक्टर-प्रोड्यूसर की फिल्मों में दिलीप कुमार उपस्थिति अनिवार्य हो गई थी.
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