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मुंबई : इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को दर्शकों के दिल पर राज करते हुए एक सदी गुजर चुकी है और अब नया दौर शुरू हो चुका है. इस दौरान इंडस्ट्री में कई सारे बदलाव और उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं. संजय दत्त और सनी देओल जैसे दिग्गजों को बहुत प्यार देने के बाद अब दर्शक रणवीर सिंह के एक्शन और कार्तिक आर्यन के चार्म को पसंद करने लगे हैं.
कभी 'स्टूडियो सिस्टम' हुआ करता था, जहां सुपरस्टार भी सैलरी पर काम करते थे. लेकिन बदलते दौर के साथ हुए बदलाव में कुछ इंडिपेंडेंट निर्माता उभरे जिन्होंने रिमार्केबल फिल्मों का निर्माण किया, जो व्यावसायिक रूप से अच्छी थी और दुनिया भर में क्रिटिक्स की प्रशंसा भी प्राप्त की. हालांकि, अब फिल्म उद्योग पहले से कहीं ज्यादा संगठित है और इसका श्रेय एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर्स को जाता है जो इंडस्ट्री और फिल्म मेकिंग को संगठित तरीके से चला रहे हैं.
अभिजीत कुमार जिन्होंने एक एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के रूप में एक दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है. उन्होंने हाल ही में श्रेया नारायण, हेमंत महौर और प्रवर पांडे की प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक पीयूष पांडे द्वारा निर्देशित एक फिल्म 'पार्ट टाइम जॉब' की है.
अभिजीत की पिछली फिल्म जैसे "आवर्तन", "द वेब", "एन अननोन गेस्ट", "माउंट ऑफ एक्सीलेंस" का प्रीमियर फेस्टिवल डी कान्स, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया और कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में किया गया है. हाल ही में उन्होंने एक एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर की भूमिकाओं के बारे में कुछ आश्चर्यजनक बातें शेयर की. उन्होंने बताया कि पहले कार्यकारी निर्माताओं को भारतीय फिल्म उद्योग में ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था. बदलते समय के साथ अब वो समय आ गया है जिसमें एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर वो हैं जो क्रिएटिव मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मैनेजमेंट और प्रोजेक्ट में आने वाले हर पहलू पर काबू कर पूरी फिल्म को एक्जिक्यूट करते हैं. फिल्म निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से लेकर रिजल्ट आने तक कई सारे परिवर्तनों से गुजरती है और उन परिवर्तनों से निपटने के लिए बहुत सारी स्ट्रेटजी, धैर्य, रिसोर्स मैनेजमेंट और लीडरशिप क्वालिटी की जरूरत होती है.
एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात करते हुए अभिजीत ने कहा कि हम कह सकते हैं कि कार्यकारी निर्माता एक एंटरप्रेन्योर के रूप में काम करता है. जहां हमें शुरुआत में ही अंत का अनुमान लगाने में सक्षम होना चाहिए. कुछ चीजे सोचना जरूरी है कि क्या हम एक ऐसी फिल्म बनाने जा रहे हैं जो अच्छा करेगी, बॉक्स ऑफिस पर? क्या यह प्रोजेक्ट पैसे इन्वेस्ट करने के लायक है? ऐसे सभी सवालों के जवाब एक एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के हिस्से में आते हैं. उन्होंने कहा कि पर्सनल लेवल पर मैं एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के रूप में, नए निर्माताओं की मदद करना चाहता हूं, जिनके पास फिल्म निर्देशित करने के लिए शानदार स्क्रिप्ट और टैलेंट है, लेकिन वो यह नहीं जानते कि कहां से शुरू करें. उन्होंने कहा कि एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर की भूमिका लीडरशिप की होती है ताकि निर्देशक बिना किसी परेशानी के काम कर सके.
Admin4
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