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प्रशांत महासागर में एक 'दुर्लभ रेडियोएक्टिव प्लूटोनियम आइसोटोप', जानिए धरती तक कैसे पहुंचा ये खतरनाक तत्व?

Neha Dani
15 May 2021 8:38 AM GMT
प्रशांत महासागर में एक दुर्लभ रेडियोएक्टिव प्लूटोनियम आइसोटोप, जानिए धरती तक कैसे पहुंचा ये खतरनाक तत्व?
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अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर विस्फोटों के बारे में और अधिक समझने में मदद मिल सकती है.

प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) की गहराई में एक दुर्लभ रेडियोएक्टिव प्लूटोनियम आइसोटोप (Radioactive Plutonium isotopes) मिला है. ये प्लूटोनियम आइसोटोप लाखों साल पुराना है. इस वजह से विशेषज्ञों के बीच इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है, ये पृथ्वी (Earth) पर आखिर कैसे पहुंचा है. प्लूटोनियम-244 के नाम से जाना जाने वाला ये खतरनाक तत्व प्रशांत महासागर की तली में करीब 5000 फुट की गहराई पर खोजा गया है. प्लूटोनियम-244 गहरे अंतरिक्ष (Deep Space) में लाखों साल पहले हुए खतरनाक ब्रह्मांडीय घटनाओं की वजह से बना था. ये आमतौर पर अंतरिक्ष में ही पाया जाता है.

पृथ्वी पर प्लूटोनियम की मौजूदगी बताता है कि अरबों सालों पहले दो न्यूटरॉन तारों के आपस में टकराने की हुई खतरनाक घटना के चलते ये हमारी पृथ्वी पर पहुंचा होगा. इस शोध को करने वाले 'ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी' के एंटन वॉलनर ने एक बयान में कहा, ये कहानी काफी पेचीदा है. इस बात की संभावना है कि प्लूटोनियम-244 एक सुपरनोवा में हुए विस्फोट के बाद तैयार हुआ है. हालांकि, इस बात की संभावना है कि ये इससे भी अधिक शानदार घटना जैसे न्यूट्रॉन स्टार विस्फोट की वजह से बना हो. बताया गया है कि महासागर की गहराई से आयरन-60 तत्व को भी खोजा गया है.
पृथ्वी के करीब हुए सुपरनोवा विस्फोट से बने दोनों तत्व
इन दोनों तत्वों की उम्र का पता लगाने पर सामने आया है कि प्लूटोनियम-244 और आयरन-60 तत्व तब से मौजूद हैं, जब पृथ्वी चार अरब साल पहले बनी थी. इनके बनने को लेकर कहा जा रहा है कि ये पृथ्वी के पास हुए एक सुपरनोवा में विस्फोट के जरिए पैदा हुए होंगे. वॉलनर ने कहा कि हमारा डेटा पहला सबूत हो सकता है कि सुपरनोवा वास्तव में प्लूटोनियम-244 का उत्पादन करते हैं. दूसरी ओर, आयरन-60 का जीवन 25 लाख साल होता है और इसके बाद ये गलने लगता है. फिर ये मूल्यवान वस्तु निकल बन जाता है. इसके विपरीत, प्लूटोनियम-244 का जीवन लगभग आठ करोड़ साल है.
इस तरह सौरमंडल में पहुंचे दोनों तत्व
वॉलनर ने यह भी सुझाव दिया कि प्लूटोनियम-244 सुपरनोवा विस्फोट से पहले से ही अंतरिक्ष में मौजूद रहा होगा. इसे सुपरनोवा विस्फोट के साथ हमारे सौरमंडल में धकेल दिया गया होगा. इनकी वर्तमान स्थिति को देखकर लगता है कि ये कुछ लाख साल पहले ही हुए ब्रह्मांणीय घटना की बदौलत तैयार हुए हैं. आइसोटोप और उनके जैसे अन्य तत्वों के आगे के अध्ययन से शोधकर्ताओं को लाखों साल पहले सौरमंडल में हुए अंतरिक्ष में बड़े पैमाने पर विस्फोटों के बारे में और अधिक समझने में मदद मिल सकती है.

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