नई दिल्ली: फिल्म ‘कांतारा’ (Kantara) ने आम दर्शकों की चेतना को झकझोर कर रख दिया था. इसने बताया कि तर्क-वितर्क के परे भी एक अदृश्य शक्ति है जिसे हम कभी निजी तौर पर, तो कभी अपने धर्म, परंपरा और संस्कृति के जरिये महसूस करते हैं. फिल्म में कई दफा रोंगटे खड़े कर देने वाले दृश्य आए. लोगों ने थियेटर और ओटीटी पर इसका भरपूर आनंद उठाया. फिल्म बार-बार देखी, पर ज्यादातर दर्शक ‘कांतारा’ का अर्थ नहीं जानते.
लगभग 90 फीसदी लोग ‘कांतारा’ का अर्थ नहीं जानते हैं. ‘कांतारा’ का मतलब है- ‘रहस्यमय जंगल.’ दूसरे भाव में हम इसे ‘मायावी जंगल’ कह सकते हैं, जहां इंसान, प्रकृति में विलीन होकर देवीय शक्ति का हिस्सा बन जाता है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे गांववाले अपनी जमीन और जंगल को बचाने के लिए संघर्ष करते हैं. जंगल के करीब रहने वाले लोग उस पर अपना अधिकार जताते हैं. फिल्म का हीरो शिवा जंगल जाकर जानवरों का शिकार करता है, वन अधिकारी से उलझता है, पर कई बार उसे रहस्मय जंगल में वराह देव (भगवान विष्णु के अवतार) के होने की अनुभूति होती है जिससे वह बहुत घबराता भी है.
‘दैव पंजुरली’ की कहानी बयां करती है ‘कांतारा’
फिल्म के क्लाइमैक्स में लालची और अत्याचारी जमींदार से गाववालों को बचाने के लिए शिवा पर देवीय शक्ति प्रवेश करती है और अत्याचारी का नाश होता है. फिल्म में ‘दैव पंजुरली’ की झलक मिलती है, जिन्हें कन्नड़ लोग जमीन और जंगल का रक्षक मानते हैं. ‘दैव पंजुरली’ की कन्नड़ लोग पूजा-अर्चना करते हैं और बड़े धूमधाम से ‘भूत कोला’ त्योहार मनाते हैं. इस त्योहार में नर्तक दैव पंजुरली का वेश धारण करता है और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुरूप नृत्य करता है. दैव पंजुरली, भगवान विष्णु के वराह अवतार का एक स्वरूप हैं.
‘कांतारा’ में ऋषभ शेट्टी ने निभाया है लीड रोल
कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा’ को ऋषभ शेट्टी ने लिखा और डायरेक्ट किया है. फिल्म में ऋषभ शेट्टी ने लीड रोल भी निभाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांतारा के हिंदी वर्जन ने करीब 80 करोड़ रुपये कमाए हैं. फिल्म की कुल कमाई लगभग 450 करोड़ रुपये है. फिल्म पिछले साल 30 सितंबर को रिलीज हुई थी. फिल्म ‘कांतारा’ के प्रीक्वल को लेकर भी कुछ वक्त से चर्चा हो रही है.