यमन में हूती विद्रोहियों द्वारा अगवा की गई बीस वर्षीय मॉडल यमनी इंतिसार अल-हम्मादी का वर्जिनिटी टेस्ट कराया जा सकता है. यह आशंका एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जताई है. यमनी इंतिसार अल-हम्मादी को हूती विद्रोहियों के एक समूह ने अगवा कर लिया था. रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल के हवाले से इसके बारे में जानकारी दी है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि हिजाब के बिना तस्वीरें खिंचवाने को लेकर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा अगवा की गई 20-वर्षीय मॉडल का जबरन वर्जिनिटी टेस्ट कराया जा सकता है.
दरअसल, बीस वर्षीय मॉडल यमनी इंतिसार अल-हम्मादी को फरवरी में राजधानी सना में एक चेकपॉइंट पर गिरफ्तार किया गया था, यह चेकपॉइंट उस जगह स्थित है जो हूती विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित है. अगवा की गई मॉडल पर हूती विद्रोहियों ने कई आरोप लगाए हैं. रॉयटर्स के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने मॉडल पर अश्लील हरकत करने और इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ जाने का आरोप लगाया था. आरोप में यह बताया गया कि अल-हम्मादी नियमित रूप से सोशल मीडिया पोस्टों सहित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अपनी तस्वीरें पोस्ट करती थीं, इन्हीं तस्वीरों में मॉडल ने उन सिद्धांतों की अवहेलना की है.
मॉडल को बीती 20 फरवरी को सना में एक चौकी पर पकड़ लिया गया था. हिरासत में लिए जाने के दौरान, उनकी आंखें बंद करके उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक मॉडल पर दबाव बनाकर कई अपराधों के लिए 'कबूल' करने के लिए मजबूर किया गया था.
एमनेस्टी ने कहा कि मॉडल के वकील को बुधवार को यह सूचना मिली है कि उसका वर्जिनिटी टेस्ट कराने की योजना चल रही है. हालांकि एमनेस्टी का कहना है कि वर्जिनिटी टेस्ट के लिए मजबूर करना अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत यातना देने के लिए यौन हिंसा का एक रूप है. बता दें कि हूती विद्रोहियों के पास आधारहीन आरोपों पर लोगों को मनमाने तरीके से हिरासत में लेने का ट्रैक रिकॉर्ड है. आलोचकों, कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्यों को चुप कराने या दंडित करने के लिए, साथ ही उन्हें यातना देने के कई मामले सामने आ चुके हैं.
अपनी रिपोर्ट में रॉयटर्स ने यह भी लिखा कि इस मामले पर जब हूती विद्रोहियों से बात करने की कोशिश की गई तो उसका जवाब नहीं दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में अगवा मॉडल के वकील से एक बंदूकधारी ने संपर्क किया था और उसे केस छोड़ने की धमकी भी दी गई थी. मालूम हो कि यमन में हूती विद्रोहियों और सेना के बीच लगातार संघर्ष चलता रहता है. यमन में हूती विद्रोहियों को खत्म करने की सफलता अभी तक हाथ नहीं लगी है. कई अंतरराष्ट्रीय संगठन हूती विद्रोहियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. उनका मानना है कि हूती विद्रोहियों ने मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया है.