अपारशक्ति खुराना के लिए हेलमेट साबित हुई है गेम-चेंजर, जानें कैसे
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अपारशक्ति खुराना (Aparshakti Khurrana), प्रनूतन बहल (Pranutan Behl), अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) और आशीष वर्मा (Ashish Verma) अभिनीत ज़ी5 की लोकप्रिय फिल्म 'हेलमेट' (Helmet) प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने के बाद से ही लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है. सोशल कॉमेडी फिल्म हमारे समाज में सबसे अधिक संबंधित मुद्दों में से एक को उजागर करती है और भारत में कंडोम खरीदने के सरल कार्य के इर्द-गिर्द उलझी धारणाओं का एक विचित्र चित्रण भी करती है.
अपारशक्ति खुराना एक उत्कृष्ट अभिनेता हैं जो लगातार कुछ शानदार परफॉर्मेंस के साथ दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं और 'हेलमेट' के माध्यम से उन्होंने निश्चित रूप से खुद को एक मुकाम ऊपर स्थापित कर दिखाया है. अभिनेताओं के पास अक्सर ऐसी एक फिल्म होती है जो वास्तव में उनके लिए गेम-चेंजर साबित होती है और अपारशक्ति के लिए वह 'हेलमेट' फिल्म गेम-चेंजर साबित हुई है.
अपारशक्ति खुराना के लिए हेलमेट साबित हुई है गेम-चेंजर
इसके बारे में बात करते हुए अपारशक्ति खुराना कहते हैं, हेलमेट मेरे लिए पूरी तरह से गेम-चेंजर साबित हुई है. इस फिल्म की रिलीज के बाद से, मुझे बहुत सारे मेसेज मिल रहे हैं जो मुझे बता रहे हैं कि यह फिल्म कितनी प्रासंगिक है. साथ ही, यह जानकर गर्व महसूस हो रहा है कि ज़ी5 पर इतने सारे लोगों ने फिल्म देखी और पसंद की है और यह सिर्फ शुरुआत है.
अभिनेता ने आगे कहा कि फिल्म बनाते समय हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को हंसाते हुए जागरूकता पैदा करना था और मुझे विश्वास है कि हम ऐसा करने में कामयाब रहे हैं. यह फिल्म हमेशा मेरे लिए अतिरिक्त विशेष होगी, क्योंकि यह मेरी पहली फिल्म न केवल मुख्य भूमिका के रूप में है, बल्कि मेरी बेटी के जन्म के बाद मेरी पहली फिल्म भी है. वहीं, माना जा रहा है कि अपारशक्ति की इस फिल्म की अपार सफलता के बाद उनके आगे फिल्मों की लाइन लगने वाली है. अपारशक्ति ने फिल्म में शानदार काम किया है, ऐसे में अगर यह माना भी जाए तो इसमें कोई दोराय नहीं है.
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स प्रोडक्शंस और अभिनेता डिनो मोरिया की डीएम मूवीज द्वारा निर्मित, फिल्म सतरम रमानी द्वारा निर्देशित और रोहन शंकर द्वारा लिखित है. "हेलमेट" विशेष रूप से ज़ी5 पर देखने के लिए उपलब्ध है. फिल्म की कहानी कंडोम का नाम खुलेआम ने लेने और इसे फार्मेसी से खुलेआम लेने से झिझकने वालों पर आधारित है. फिल्म में कंडोम के इस्तेमाल के जागरूकता लेकर, साथ ही एक बहुत ही कड़ा सामाजिक संदेश भी फिल्म देती है.