जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भारत-अमेरिकी मूल के कई उम्मीदवार मैदान में थे. जिनमें से कई ने सफलता भी हासिल की है, लेकिन न्यू जर्सी और माइन से उम्मीदवार रिकिन मेहता, सारा गिडेओन सीनेट की रेस में हार गए हैं.
सारा गिडेओन के पिता भारतीय और मां आर्मेनियेन हैं. वो अभी माइन में हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव की स्पीकर थीं, लेकिन इस चुनाव में रिपब्लिकन की सुसेन कॉलिन्स से हार गईं. कॉलिन्स को करीब 4 लाख वोट मिले हैं, जबकि सारा को 3.39 लाख ही वोट मिल पाए हैं.
सारा गिडेओन के पिता भारत से अमेरिका गए और रोड आइसलेंड में काम किया. गिडेओन सबसे छोटी बेटी हैं, जो शादी के बाद माइने शिफ्ट हुईं. वो पेशे से एक वकील भी हैं.
चुनाव नतीजों के बाद सारा गिडेओन ने कहा कि भले ही चुनाव खत्म हुआ हो, लेकिन हमारा काम जारी रहेगा. हमारा मकसद हर किसी को हेल्थकेयर की सुविधा पहुंचाना है, साथ ही क्लाइमेट के मुद्दे पर हर किसी को एक ही पेज पर लाना जरूरी है.
दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार रिक मेहता भी डेमोक्रेट्स उम्मीदवार कोरी बूकर से हार गए. बूकर को करीब 60 फीसदी वोट मिले, तो मेहता को सिर्फ 38 फीसदी वोट मिल पाए. बता दें कि इस क्षेत्र से पहले कमला हैरिस चुनी जाती रही हैं.
हालांकि, इनसे अलग कुछ भारतीय उम्मीदवारों ने जीत भी दर्ज की है. समोसा कॉकस का हिस्सा माने जाने वाले ऐमी बेरा, प्रमिला जयापाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव का चुनाव जीत गए हैं.
गौरतलब है कि इस बार सिर्फ उम्मीदवार ही नहीं, बल्कि भारतीय मूल के वोटरों की भी काफी महत्वता थी. दोनों ही पार्टी के उम्मीदवार एशियाई वोटरों को लुभाने में जुटे हुए थे.