सम्पादकीय

अगला नंबर तुम्हारा

Subhi
5 Jun 2022 5:00 AM GMT
अगला नंबर तुम्हारा
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ओवैसी जब बोलते हैं, गुस्से में बोलते हैं: वे हमारी हर चीज मिटा देना चाहते हैं। हिजाब से खतरा, हलाल से खतरा, अजान से खतरा, दाढ़ी से खतरा, टोपी से खतरा, मस्जिद से खतरा… भाजपा वाले मुगल मुगल करते रहते हैं, अगर तुम सात सौ साल की बात करोगे तो हम सात हजार साल की बात करेंगे…’

सुधीश पचौरी: ओवैसी जब बोलते हैं, गुस्से में बोलते हैं: वे हमारी हर चीज मिटा देना चाहते हैं। हिजाब से खतरा, हलाल से खतरा, अजान से खतरा, दाढ़ी से खतरा, टोपी से खतरा, मस्जिद से खतरा… भाजपा वाले मुगल मुगल करते रहते हैं, अगर तुम सात सौ साल की बात करोगे तो हम सात हजार साल की बात करेंगे…'

इसके बरक्स 'जमायते-उलेमा-ए-हिंद' के मदनी एकदम शांत स्वर में बोलते हैं: हमारे वजूद का सवाल है। हमारे मुल्क की बात करने पर भी वे परेशान होते हैं। हम गैर नहीं, मुल्क के शहरी हैं। ये मुल्क हमारा है, हमारा लिबास, तहजीब, खाने-पीने का तरीका अगर बर्दाश्त नहीं, तो तुम ही कहीं और चले जाओ, हम कहीं नहीं जाएंगे, जिनको भेजने का शौक है वो चले जाएं…

मदनी पर पहला हमला एआइएमआइएम का एक प्रवक्ता करता है: मदनी का बयान मुसलमानों को कमजोर करने वाला है! बहरहाल, ज्ञानवापी की दुहरती और बोर करती चर्चाओं को विराम दिया पंजाबी पाप गायक सिद्धू मूसेवाला की नृशंस हत्या ने। चैनल सीसीटीवी फुटेज दिखाते कि किस तरह सिद्धू गाड़ी में जा रहा था कि एक प्रशंसक के इशारे पर गाड़ी रोकता है और उसके फौरन बाद गोलियां बरसाई जाने लगती हैं। सिद्धू को उन्नीस गोलियां लगती हैं।

बहसों में कई प्रवक्ता सरकार द्वारा वीआइपी सुरक्षा हटाने की नीति को इसके लिए जिम्मेदार मानते रहे। सरकार ने सफाई दी कि हमने सिद्ध्ू की सुरक्षा खत्म नहीं की, सिर्फ 'कम' की थी। चैनल सिद्धू के गानों को दिखा-दिखा कर बताते रहे कि सिद्धू खुद क्लाश्निकोव पे्रमी था और कई गानों में वह 'गन कल्चर' को 'प्रमोट' करता था…

इसी क्रम में फिर एक दिन बालीवुड पाप गायक 'केके कुन्नथ' भी चले गए। सिद्धू को तो गैंग ने मारा, लेकिन 'केके' को 'पाप शो' की कुव्यवस्था ने मारा! दर्शक रहे क्षमता से दो-तीन गुना और हाल का एसी सिस्टम एकदम खराब! गाते-गाते केके कहते रहे कि यहां बहुत गरमी है… लेकिन किसी ने नहीं सुना। श्रोता झूमते रहे, वे गाते रहे और फिर दिल का दौरा उनको ले गया। अब रोते रहें कि बड़े महान गायक थे, लेकिन अपनी लापरवाहियों को हम कभी दूर न करेंगे!

फिर एक दिन पीएफआइ पर ईडी की 'नजरे-इनायत' होती है और खबर बनती है कि पीएफआइ के बैंक खाते बंद! कई चैनल बताते रहे कि उसके नेताओं को चीन और खाड़ी देशों से पैसा आता है। लेकिन सवाल वहीं अटका रहता है कि सरकार पीएफआइ को प्रतिबंधित क्यों नहीं करती?

एक दिन डीएमके के एक नेता को 'उत्तर भारत का भूत' सताता दिखा। पहले कहे कि हिंदी वाले पानी पूरी बेचते हैं… अब कहे कि दिल्ली, हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र, केरल के छात्र 'कोविड फैला रहे हैं… जवाब में एक तमिल भाजपा नेता बोलीं कि उत्तर में रहने वाले तमिलों का क्या? लगता है कि डीएमके भी शिवसेना बनती जा रही है…

फिर एक दिन खबर आती है कि बिहार में जाति जनगणना होगी! यानी आ रहा है 'मंडल दो'! अब सब करेंगे जाति-जाति। सब लड़ेंगे जाति-जाति! सेक्युलर कहेंगे कि अब 'हिंदुत्व' तो गया, लेकिन भूल जाएंगे कि पहले 'मंडल' ने मंदिर दिया, तो यह गणना हिंदुत्व को क्या न देगी? 'कश्मीर फाइल्स' अब सिर्फ फिल्म नहीं, वह हमारे सामने रोज बन रही है!

यह खुला 'इस्लामिक जिहाद' है, जिसे हम सीसीटीवी में लाइव होते देखते हैं: एक 'जिहादी' गामीण बैंक के दफ्तर की 'रेकी' करता है, फिर वापस आता है, फिर पिस्तौल से दो फायर करता है और आराम से चला जाता है। कुलगाम के ग्रामीण बैंक का मैनेजर विजय कुमार मारा जाता है… कुछ देर बाद एक और मजदूर के मारे जाने की खबर आती है। जिहादियों का नारा है: अल सफा बटे दफा! एक पोस्टर धमकी देता है: जो लोकल नहीं, वो चले जाएं, वरना अगला नंबर तुम्हारा है!

इसके बाद हर चैनल पर सुरक्षित बहसें हैं। सुरक्षित संवेदना है। सुरक्षित गुस्सा है। सुरक्षित टीकाएं हैं। हत्याओं की सुरक्षित गिनती है। छत्तीस हफ्ते में ग्यारह-बारह हिंदुओं की 'लक्षित हत्या'! एक कहता है: कश्मीर में सब मिले हुए हैं। इधर से कोई इशारा करता है, उधर जिहादी गोली मार देते हैं। सरकार कहती है कि सुरक्षा बलों ने चौबीस घंटे में हत्यारे आतंकियों को मार कर बदला ले लिया, लेकिन सरकार फेल है। अल्पसंख्यक हिंदू डरे हुए हैं। वे पलायन कर रहे हैं। फिर खबरें कहती है कि केंद्र सरकार नई रणनीति बना रही है, जल्द ही अमल में आएगी। स्थिति बदलेगी… लेकिन कब? लोग पूछते रहते हैं, पलायन होता रहता है।

इसके बाद 'ईडी' एक बार फिर बड़ी खबर बनाती है। वह दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को 'हवाला' के आरोप में हिरासत में ले लेती है। 'आप' के प्रवक्ता कहते हैं कि जिस मामले में सत्येंद्र जैन को पहले बरी किया जा चुका, उसे फिर से खोलना भाजपा की बदले की कार्रवाई है। सत्येंद्र जैन हिमाचल में 'आप' के चुनाव प्रभारी हैं और आप की लोकप्रियता से भाजपा डरी हुई है! 'आप' की बात में दम तो दिखता है। अगले रोज ईडी 'नेशनल हेरल्ड' का केस खोल देता है, राहुल, सोनिया को बुलाता है! राहुल कहिन कि वो विदेश में हैं, उधर सोनिया जी कहिन कि उनको कोविड है! लो कर लो बेटा जांच!


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