सम्पादकीय

अपनी जिंदगी से आहत करने वाली चीजों को निकाल फेंकने से आप वाकई खुद को भाग्यशाली महसूस करेंगे

Gulabi Jagat
21 May 2022 8:49 AM GMT
अपनी जिंदगी से आहत करने वाली चीजों को निकाल फेंकने से आप वाकई खुद को भाग्यशाली महसूस करेंगे
x
ओपिनियन
एन. रघुरामन का कॉलम:
मेरा एक करीबी दोस्त अक्सर अपने एक अंकल के बारे में बात करता है, जो उसकी मां के देहांत पर नहीं आए थे। जब उसने शुरू-शुरू में इस बारे में शिकायत की, तो मैंने सांत्वना दी कि चलो भावनाएं साझा करने से बोझ बल्का होगा। पर जब उसने बार-बार यह दोहराना शुरू कर दिया, तो मुझे उसकी मेंटल हेल्थ से जुड़ा एक पैटर्न दिखा, जिसका उसके बीपी और दिल पर असर हुआ।
मैंने उससे कहा कि दूर-दराज से तुम्हारे गांव आने वाले उन सब लोगों को याद करो। उसे सात लोग याद आए। सात में से एक सज्जन काठमांडू से आए थे और दो दिन रुके थे, फिर 'दसवें' में भी आए थे। तब मैंने उसे समझाया कि माफ कैसे करते हैं, कैसे शिकायतें नहीं की जातीं और कैसे चीजों को छोड़कर उन्हें जाने दिया जाता है।
मैंने पूछा, 'अंकल तुम्हारे घर नहीं आए, ये उनकी समस्या है, तुमसे बात करते हुए उन्हें असहज होना चाहिए, तुम्हें क्यों बुरा लग रहा है?' और कहा कि 'तुम्हारा सामान्य व्यवहार उन्हें और ज्यादा परेशान करेगा।' भावनाओं को दिल से लगाए रखने की आदत पीड़ा देती है। यहां ऐसी पांच आंदतें हैं, जिन पर हमें सोचना चाहिए।
1. निराश करने वालों के बजाय साथ देेने वालों को नोटिस करें- अपने पानवाले के बारे में सोचेंं, जो आपको दूर से ही देखकर आपका पसंदीदा पान बनाना शुरू कर देता है और कहता है, 'मैं आपको देखते ही पान बनाना शुरू कर दिया।' और गंदे दांतों के साथ मुस्कातेे हुए पान देता है? आप खुश होते हैं क्योंकि आपको उसका सोने का दिल दिखता है, ना कि गंदे दांत।
मुश्किल में साथ न देने वाले दोस्तों को भुलाना कठिन होता है। तब जिनने मदद की, उनके प्रति कृतज्ञता दिखाएं। इससे न सिर्फ सामाजिक रिश्ते सुधरेंगे, उम्र बढ़ेगी, बल्कि खुशी बेहतर होगी। ग्रेटिट्यूड जर्नल शुरू करें। हर दिन कुछ ऐसा लिखें जिसके प्रति आप शुक्रगुजार हैं या उन्हें धन्यवाद कहें, जिन्होंने आपके लिए कुछ अच्छा किया।
2. आसपास के लोगों से तुलना न करें, सोचें आपको क्या खास बनाता है- शीर्ष मनोवि‌शेषज्ञ कहते हैं कि दूसरों के बजाय खुद पर फोकस रखना सीखकर हम तनाव-चिंता घटा सकते हैं, आत्मसम्मान-खुशी बढ़ा सकते हैं, यह उद्देश्यपूर्ण जिंदगी की राह बनती है। हर छोटी से छोटी जीत का भी जश्न मनाएं और किसी बाहरी प्रमाण के बिना ताकत महसूस करें।
3. खुशी के लिए खरीदारी के बजाय गैर-भौतिक चीजों का लुत्फ लेंं- सालों तक, जब भी मैं थोड़ा निराश हुआ, हमेशा खरीदारी की। पर मुझे अहसास हुआ कि अमूर्त चीजें जैसे गांव में छुटि्टयां बिताने, दोस्तों के साथ स्कूली जिंदगी फिर से जीने, बच्चे के लिए कहानी की किताब पढ़ने, आधी रात में रिश्तेदारों को 'मुंबई दर्शन' कराने में मुझे ज्यादा मजा आया। जब ये रिश्तेदार अमिताभ बच्चन या शाहरुख खान के बंगले के बाहर सेल्फी लेते हैं तो मेरा दिल खुशी से झूम उठता है।
4. काबू कर सकने वाली चीज पर फोकस करें और ज्यादा न सोचें- ओवरथिंकिंग से रोजमर्रा की चीजों पर असर पड़ सकता है। गोल-गोल घूमने से बचना है तो एक विचार को समय दें, कदम उठाएं और फिर उससे ध्यान हटा लें जैसे फिल्म या कसरत के बाद करते हैं।
5. हर चीज की जवाबदारी न लें, किसी और को सौंपे- काम से जुड़ा कोई प्रोजेक्ट संभालें या पारिवारिक भेंट की योजना बनाएंं, सही-अच्छा काम सुनिश्चित करने के लिए ज्यादातर काम खुद करने के जाल में फंसना आसान है। जिंदगी में ऐसी कई चीजें हैं, जो सहज होती हैं। लोगों को अपनी जिम्मेदारियां लेने दीजिए, इससे आपका तनाव कम होगा।
फंडा यह है कि अपनी जिंदगी से आहत करने वाली चीजों को निकाल फेंकने से आपकी खुशी बढ़ेगी और आप वाकई खुद को भाग्यशाली महसूस करेंगे। एक बार खुद ही इसे आजमाकर देख लीजिए।
Gulabi Jagat

Gulabi Jagat

    Next Story