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बीते साल बॉलीवुड और हॉलीवुड से लेकर खेल जगत की अनेक हस्तियों ने अपनी नॉन फंजिबल टोकन लांच की और करोड़ों रुपये कमाए
वर्ष 2021 एनएफटी के साल के रूप में भी जाना जाएगा. बीते साल बॉलीवुड और हॉलीवुड से लेकर खेल जगत की अनेक हस्तियों ने अपनी नॉन फंजिबल टोकन लांच की और करोड़ों रुपये कमाए. पिछले साल 41 अरब डॉलर यानी करीब तीन लाख करोड़ रुपये के एनएफटी की खरीद-बिक्री हुई. लेकिन एनएफटी बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटी ही नहीं, आप भी क्रिएट कर सकते हैं और उन्हें बेच सकते हैं. इस लेख में हम आपको एनएफटी क्रिएट करने का तरीका (How to create NFT) बताएंगे.
आज कई प्लेटफॉर्म हैं, जहां एनएफटी की खरीद-बिक्री होती है. ओपनसी (OpenSea.io) को दुनिया का सबसे बड़ा एनएफटी प्लेटफॉर्म माना जाता है. भारत में बेयॉन्डलाइफ.क्लब, वजीरएक्स, बॉलीकॉइन, रेरियो, ऑलवेज फर्स्ट जैसे प्लेटफॉर्म हैं. एनएफटी क्रिएट करने को मिंटिंग भी कहा जाता है. विभिन्न प्लेटफॉर्म पर इसके अलग तरीके हो सकते हैं, लेकिन कुछ बातें हर प्लेटफॉर्म में एक जैसी होंगी.
ऐसेट की डिजिटल फाइल होना जरूरी
सबसे पहले तो प्लेटफॉर्म पर आपको ऑनलाइन वॉलेट (Online Wallet) खोलना पड़ेगा, जहां आप एनएफटी और क्रिप्टोकरेंसी (NFT & Cryptocurrency) रख सकते हैं. एनएफटी की खरीद-बिक्री इसी करेंसी में होती है. प्लेटफॉर्म आपको वॉलेट का एक्सेस कोड यानी पासवर्ड देगा, जिसके बिना वॉलेट खोला नहीं जा सकता है. फिर आपको विकल्प मिलता है कि आप एनएफटी सिर्फ खरीदना-बेचना चाहते हैं या क्रिएट करना चाहते हैं. 'क्रिएटर' विकल्प चुनने के बाद आपको एक फॉर्म पर कुछ जरूरी जानकारियां देनी पड़ती हैं. प्लेटफॉर्म आपको एप्रूवल देगा, जिसके बाद आप एनएफटी क्रिएट (NFT Creation) कर सकते हैं. जिस ऐसेट की एनएफटी क्रिएट करना चाहते हैं उसकी डिजिटल फाइल होनी चाहिए. पीएनजी, जेपीजी, वीडियो या ऑडियो (जैसे MP4) फॉर्मेट में फाइल अपलोड कर सकते हैं.
अपनी कविता को आवाज देकर बना सकते हैं एनएफटी
अगर आप अपनी कविता को एनएफटी में कनवर्ट करना चाहते हैं तो जिस तरह अमिताभ बच्चन ने मधुशाला को गाकर उसे एनएफटी के रूप में बेचा, वैसा कर सकते हैं. आपको ध्यान रखना पड़ेगा कि फाइल साइज अपलोड की एक लिमिट होती है. यह लिमिट विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अलग है. फाइल अपलोड करने के बाद आप उसे एक नाम दे दें और उसके बारे में जरूरी जानकारी लिखें. यह जानकारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसे पढ़कर ही कोई खरीदार तय करेगा कि एनएफटी खरीदना है या नहीं. एनएफटी की कीमत और रॉयल्टी (NFT Price and Royalty) भी तय करनी पड़ेगी. हर प्लेटफॉर्म पर रॉयल्टी की भी न्यूनतम और अधिकतम सीमा होती है. उसके बाद आप एनएफटी को बिक्री के लिए लिस्ट कर सकते हैं. एनएफटी के लिंक को सोशल मीडिया (Social Media) पर भी शेयर कर सकते हैं. प्लेटफॉर्म आपसे सर्विस फीस लेगा जिसे गैस फीस भी कहा जाता है.
एनएफटी में स्मार्ट कांट्रैक्ट के साथ मिलता है यूआरएल
एनएफटी के दो हिस्से होते हैं- स्मार्ट कांट्रैक्ट और आर्टवर्क या स्मार्ट ऐसेट. ब्लॉकचेन पर स्मार्ट कांट्रैक्ट होता है. ज्यादातर एनएफटी में आर्टवर्क (एसेट) ब्लॉकचेन पर नहीं होता. दरअसल, उसे ब्लॉकचेन (Blockchain) पर रखने के लिए काफी डाटा की जरूरत पड़ेगी और वह बहुत खर्चीला होगा. इसलिए स्मार्ट कांट्रैक्ट में उस आर्टवर्क का लिंक (URL) होता है. हालांकि ब्लॉकचेन पर एनएफटी अपलोड करना खर्चीला हो सकता है, लेकिन यह यूआरएल के विकल्प की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होता है. उसे हैक करना अपेक्षाकृत मुश्किल होता है. हर एनएफटी का अलग आइडेंटिफिकेशन कोड होता है, इसलिए कोई भी दो एनएफटी एक समान नहीं होती हैं.
आपने किसी मशहूर पेंटिंग की एनएफटी खरीदी तो जरूरी नहीं कि उसकी आपके घर डिलीवरी भी होगी. होता सिर्फ यह है कि एनएफटी की ओनरशिप का सर्टिफिकेट बदल जाता है और वह ब्लॉकचेन पर दर्ज होता है. वह सर्टिफिकेट आपके डिजिटल वॉलेट में रहता है. ब्लॉकचेन एक तरह का सार्वजनिक बही-खाता होता है, जिसमें ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड दर्ज होते हैं. अभी ज्यादातर एनएफटी एथेरियम ब्लॉकचेन पर बनती हैं.
मेटा डाटा में ऐसेट की जरूरी सूचनाएं देना जरूरी
एनएफटी के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को ईआरसी 721 स्टैंडर्ड कहते हैं. इसमें ओनरशिप डिटेल्स, सिक्योरिटी और एनएफटी से संबंधित मेटा डाटा होता है. मेटा डाटा में क्रिएट करने वाला एनएफटी के बारे में जरूरी जानकारी देता है, जिसे देखकर ही कोई उसे खरीदता है. विदेशों में प्राइवेट इक्विटी खरीदने और रियल स्टेट में भी एनएफटी (NFT in Equity and Real Estate) का इस्तेमाल होने लगा है. कॉन्ट्रैक्ट का नया स्टैंडर्ड ईआरसी 1155 है. इसमें एक ही कॉन्ट्रैक्ट में आर्टवर्क, रियल स्टेट जैसी कई तरह की एनएफटी रखी जा सकती हैं. इससे ट्रांजैक्शन और स्टोरेज का खर्च कम हो जाता है.
एनएफटी से पैदा होती है डिजिटल किल्लत
किसी एसेट को डिजिटल रूप देना या उसके लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है. नई बात ब्लॉकचेन पर स्मार्ट कांट्रैक्ट है. किसी भी ऑडियो, वीडियो या आर्ट की जितनी चाहे डिजिटल कॉपी बनाई जा सकती है, लेकिन तब उसकी वैल्यू नहीं रह जाएगी. वैल्यू बनी रहे, इसलिए डिजिटल एसेट की एक या सीमित एनएफटी ही बनाई जाती है. दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि एनएफटी से एक तरह की डिजिटल किल्लत पैदा होती है. कोई चीज जब सीमित मात्रा में उपलब्ध हो तो उसे खरीदने के लिए बोली अधिक लगती है. अभी ज्यादातर एनएफटी ईथर क्रिप्टोकरेंसी से ही खरीदी जा सकती हैं यानी आपके डिजिटल वॉलेट में ईथर होना जरूरी है, तभी आप किसी एक्सचेंज पर एनएफटी खरीद सकते हैं. आप ऑनलाइन पैसे देकर या क्रेडिट कार्ड से क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं.
एनएफटी खरीदी तो डिजिटल एसेट आपकी
शुरुआत में ज्यादातर एनएफटी उन्हीं चीजों की बनाई गईं, जो किसी दूसरे रूप में पहले से मौजूद थीं. उदाहरण के लिए एनबीए गेम के वीडियो क्लिप. बीपल (असली नाम माइक विंकलमैन) का जो आर्टवर्क 6.9 करोड़ डॉलर में बिका था, वह भी उनकी 5,000 ड्रॉइंग्स का कोलाज था. इन ड्राइंग्स को आप अलग-अलग या कोलाज के रूप में इंटरनेट पर भी देख सकते हैं. तो इसे करोड़ों रुपये देकर क्यों खरीदा जाए? इसका जवाब यही है कि अगर आप किसी आर्टवर्क या किसी अन्य चीज की एनएफटी खरीदते हैं तो वह आपकी संपत्ति बन जाती है. इंटरनेट पर अनेक कॉपी उपलब्ध हो सकती हैं. एनएफटी खरीदने का मतलब है कि आपके पास एक फाइल है, जिसे आप ओरिजिनल कह सकते हैं. वरना जो भी पेंटिंग आपको पसंद है उसे इंटरनेट से डाउनलोड कीजिए और फ्रेम करवाकर ड्राइंग रूम में टांग लीजिए.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए जनता से रिश्ता किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)
सुनील सिंह वरिष्ठ पत्रकार
लेखक का 30 वर्षों का पत्रकारिता का अनुभव है. दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे संस्थानों से जुड़े रहे हैं. बिजनेस और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं.
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