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- चिंता के आंकड़े
पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 में अर्थव्यवस्था की दशा के आंकड़े सरकार ने जारी कर दिए। पूरे साल में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी शून्य से 7.3 फीसद नीचे ही रहा। हालांकि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2021) में मामूली सुधार दिखा और जीडीपी 1.6 फीसद रहा। इन आंकड़ों को देख कर हैरानी इसलिए नहीं होनी चाहिए कि अचानक जिस तरह के हालात बने, उनमें यह होना निश्चित था। महामारी का एलान होते ही मार्च 2020 के अंतिम हफ्ते में पूर्णबंदी लग गई थी। इस दौरान कल-कारखानों, छोटे-मझोले उद्योगों और सीमेंट, कोयला बिजली, इस्पात, तेल व प्राकृतिक गैस जैसे अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन एक तरह से बंद ही रहा। इसलिए पहली तिमाही में जीडीपी चौबीस फीसद तक गिर गया था। ऐसा होने से रोक पाना संभव भी नहीं था। हां, पूर्णबंदी अगर सुविचारित और योजनाबद्ध तरीके से की गई होती, तो इस नुकसान को कम जरूर किया सकता था।