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सीबीपी श्रीवास्तव। World Environment Day 2021 हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लेकर अपनी परंपरा का पालन करेंगे, लेकिन वही प्रश्न अब भी गंभीर बना हुआ है कि क्या हम अपने इस संकल्प को यथार्थ का रूप देंगे? कोविड महामारी और हाल ही में आए दो तूफानों ने फिर यह सिद्ध कर दिया है कि प्रकृति पर गहराया संकट दिन-प्रतिदिन और गंभीर होता जा रहा है। सेमिनारों और गोष्ठियों में पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा कर अक्सर हम यह मान लेते हैं कि हमारा दायित्व पूरा हो गया है। पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में निश्चित रूप से संवैधानिक प्रविधानों और न्यायालय के प्रयासों का योगदान महत्वपूर्ण है। भारत के संविधान में शामिल संबंधित प्रविधानों पर गौर करने से पहले हम यहां महात्मा गांधी के एक ऐसे विचार पर गौर करेंगे जो हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। गांधीजी ने कहा है, 'पृथ्वी पर सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।'