सम्पादकीय

महिलाएं पुरुषों से अधिक ताकतवर होती हैं; उनकी शक्ति को पहचानें और समान अवसर दें

Gulabi
24 Feb 2022 7:58 AM GMT
महिलाएं पुरुषों से अधिक ताकतवर होती हैं; उनकी शक्ति को पहचानें और समान अवसर दें
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फिल्म निर्माता बोनी कपूर और निर्देशक एच.विनोद की फिल्म ‘वलीमै’ इन दिनों चर्चा में है
जयप्रकाश चौकसे का कॉलम:
फिल्म निर्माता बोनी कपूर और निर्देशक एच.विनोद की फिल्म 'वलीमै' इन दिनों चर्चा में है। इस फिल्म में अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने अभिनय किया है और खास बात यह है कि फिल्म के लिए हुमा को किक बॉक्सिंग का अभ्यास भी करना पड़ा है, ताकि वे फिल्म के दृश्यों को और ज्यादा सशक्त बना सकें। अपने किरदार को प्राभावोत्पादक बनाने के लिए हुमा ने किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी है और यही एक अच्छे कलाकार की पहचान है।
ज्ञातव्य है कि हुमा कुरैशी अक्षय कुमार के साथ 'जॉली एलएलबी-2' में काम कर चुकी हैं लेकिन हुमा की प्रतिभा अब 'वलीमै' में नजर आ सकती है। गोया कि हुमा सुंदर और प्रतिभाशाली हैं और उन्होंने कई बड़े बैनर की फिल्मों में काम भी किया है। बड़े कलाकारों के साथ भी रुपहले पर्दे पर वे नजर आई हैं परंतु फिर भी उन्हें अभी तक श्रेष्ठ अवसर नहीं मिल पाया है, जहां उनकी अभिनय प्रतिभा खुलकर लोगों के सामने आ सके।
वरुण धवन अभिनीत 'बदलापुर' नामक फिल्म में हुमा की प्रतिभा जरूर सामने आई है और उनके काम की प्रशंसा हुई है लेकिन अभी हुमा को एक बड़ी पहचान की और जरूरत है। हुमा ने सुपर सितारा रजनीकांत के साथ 'काला' नामक फिल्म में भी काम किया है। वेब सीरीज 'महारानी' में भी हुमा सराही गईं। इस फिल्म में राबड़ी देवी के जीवन की कुछ झलकियां हैं। दरअसल बिहार की राजनीति पर अनेक फिल्में बनाई गई हैं।
यह कितनी अजीब बात है कि बिहार की पृष्ठभूमि पर बनने वाली फिल्मों में अधिकतर भ्रष्टाचार ही प्रदर्शित किया गया है। बिहार का दूसरा स्वरूप हम शैलेंद्र की फिल्म 'तीसरी कसम' में देख सकते हैं। गीतकार शैलेंद्र, फणीश्वरनाथ रेणु की रचना 'मैला आंचल' से प्रेरित फिल्म बनाना चाहते थे। गौरतलब है कि बिहार जो दो महानदियों के डेल्टा में बसा है, वहां की जमीन बहुत उपजाऊ है।
बिहार में कितनी प्रतिभा है यह ऋतिक रोशन अभिनीत 'सुपर 30' फिल्म में प्रस्तुत किया गया है। फिल्मकार प्रकाश झा ने 'दामुल', 'अपहरण', 'मृत्युदंड', 'गंगाजल' में भी बिहार को प्रस्तुत किया है। प्रकाश झा एक तरह से फिल्मों में भी बिहार का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रकाश की सहायक अलंकृता श्रीवास्तव ने 'सांड की आंख' फिल्म बनाई थी, जो बहुत ही सराही गई है। इस तरह यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार के लोग बहुत ही मेहनती हैं।
अपनी उपजाऊ जमीन छोड़कर वे पंजाब में मजदूरी करने जाते रहे हैं क्योंकि उनके पास श्रम की शक्ति है और इसका उपयोग वे अपने राज्य के साथ-साथ देश के विकास में भी करते हैं। बहरहाल, 'वलीमै' फिल्म में हुमा के किरदार के बारे में बात की जाए तो इस फिल्म में अभिनेत्री हुमा कुरैशी एक ईमानदार पुलिस अफसर की भूमिका अभिनीत करेंगी।
हुमा की मजबूत कद-काठी उनके अभिनय को विश्वसनीयता प्रदान करती है और उम्मीद है कि पुलिस कॉप के किरदार में भी वह उतना ही प्रभाव छोड़ने में सफल होंगी। एक तरफ जहां वे खुद अभिनय के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं तो दूसरी ओर हुमा का एक भाई भी फिल्म उद्योग में सक्रिय है। वे फिल्मी दुनिया में अनेक रेस्त्रां संचालित करते हैं और उन्हें बड़ी हिस्सेदारी मिलती है।
बिहार में प्रतिभा और परिश्रम की कमी नहीं है परंतु वहां राजनीतिक भ्रष्टाचार ने बहुत नुकसान किया है। परंतु हमें विश्वास करना चाहिए कि वहां विकास होगा। हुमा कुरैशी अपने परिवार के सदस्यों के सहयोग से मनोरंजन जगत में धूम मचा देंगी। जब महिलाएं पुलिस कॉप की भूमिका में होती हैं तब पुरुष अपराधियों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है। हम दोहराते हैं कि महिला की शक्ति को पहचानें और उसे कम से कम, समान अवसर तो दीजिए। महिलाएं पुरुषों से अधिक ताकतवर होती हैं।
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