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- स्वास्थ्य ढांचे में...
संजय मिश्र। हालांकि सरकार ने पूरा जोर लगाकर मुकाबला किया, अस्पतालों की संख्या बढ़ाई गई, बिस्तर, दवाओं और आक्सीजन की अतिरिक्त व्यवस्था की गई, लेकिन संकट इससे भी बड़ा होता गया। इसलिए सरकार अब आगे कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। वह तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में अभी से जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेषज्ञों के अनुमान के आधार पर जनता को सतर्क किया है कि राज्य में तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर में आ सकती है। सरकार अभी से निपटने की तैयारियों में जुट गई है, लेकिन लोग भी सतर्क रहें। तीसरी लहर कैसी होगी और इसकी तैयारी किस तरह की जाएगी, इस संबंध में सरकार विशेषज्ञों की राय के आधार पर कदम उठा रही है. वैसे कोरोना की दूसरी लहर अब समापन की ओर है। संक्रमण दर एक फीसद से नीचे आ चुका है। सरकार ने एक जून से प्रदेश के ज्यादातर जिलों को अनलाक कर दिया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित सभी शहरों में दुकानें खुलने लगी हैं, लेकिन दिक्कत यह है कि सरकार की चेतावनी के बावजूद भीड़ उमड़ रही है। शारीरिक दूरी और मास्क को लेकर बेपरवाही दिख रही है। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की देहभाषा स्पष्ट कर रही है कि स्थिति नियंत्रित करने के बाद अब सरकार को चैन से नहीं बैठना है। सवाल यह है कि इतनी परेशानियों के बाद मध्य प्रदेश कोरोना की दूसरी लहर से उबर तो गया है, लेकिन उसने इससे सीखा क्या? स्वास्थ्य ढांचे की जो कठिनाइयां उभरकर सामने आई थीं उनके समाधान के लिए क्या किया गया?