- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- यूक्रेन संकट की जड़ तक...

डा. तुलसी भारद्वाज।
रूस ने भले ही करीब एक सप्ताह पहले यूक्रेन पर हमला बोला हो, लेकिन इस हमले केबीज बहुत पहले ही बोए जा चुके थे। 2008 में जार्जिया को खंडित करने के साथ ही रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने स्पष्ट कर दिया था कि वह नाटो की घेराबंदी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसी मकसद से उन्होंने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया और अब उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ दी। सोवियत संघ के जिस गौरवशाली इतिहास का सपना पुतिन संजोए हैैं, उसके अतीत में जर्मन नाजियों का विश्वासघात भरा रक्तरंजित अध्याय है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के समय की बात है, जब हिटलर ने मोलोटोव-रिबेंट्रोप संधि का उल्लंघन करते हुए 1941 में सोवियत संघ पर हमला बोलकर रूसी तानाशाह जोसेफ स्टालिन समेत पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। करीब चार साल तक चली उस जंग में लाखों रूसी मारे गए। जैसे-तैसे रूसी रेड आर्मी हमलावरों को खदेडऩे में कामयाब हुई।
