सम्पादकीय

44 बिलियन डॉलर के 'ट्विटर दांव' के साथ, एलन मस्क फ्री स्पीच को परिभाषित करने के लिए तैयार हैं

Rani Sahu
26 April 2022 2:52 PM GMT
44 बिलियन डॉलर के ट्विटर दांव के साथ, एलन मस्क फ्री स्पीच को परिभाषित करने के लिए तैयार हैं
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टेस्ला के बॉस एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर (Twitter) पर यह सवाल तब उठाया था जब एक रेगुलेटरी filing के बाद यह पता चला कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने इस सोशल मीडिया (Social Media) कंपनी में नौ प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है

जहांगीर अली

टेस्ला के बॉस एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर (Twitter) पर यह सवाल तब उठाया था जब एक रेगुलेटरी filing के बाद यह पता चला कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने इस सोशल मीडिया (Social Media) कंपनी में नौ प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है. कारोबारियों, पत्रकारों, राजनेताओं, मशहूर हस्तियों, फ्री स्पीच कार्यकर्ताओं, खिलाड़ियों और यहां तक कि आम लोगों के लिए ट्विटर सबसे पवित्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जो किसी भी विमर्श को किसी दूसरे सोशल मीडिया के मुकाबले ज्यादा अच्छे तरीके से आगे बढ़ाता है. यह मेटा (तत्कालीन फेसबुक) जैसे अपने बड़े प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भी शायद ज्यादा प्रभावशाली है.
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से निवेशकों और शेयरधारकों ने ट्विटर द्वारा अपनाई गई नीतियों पर सवाल उठाया है. इन लोगों का कहना है कि अपने प्रतिद्वंदी मेटा के मुकाबले ट्विटर ने अपने यूजर" (इस्तेमाल करने वाले) की संख्या और राजस्व दोनों को ही कम कर दिए हैं. गौरतलब है कि मेटा के पास ट्विटर के मुकाबले 11 गुना अधिक दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और यूट्यूब तो ट्विटर से पांच गुनाअधिक कमाता है. बहरहाल, ट्विटर प्रबंधन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पैसा कमाने के बीच संतुलन बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. और हाल के वर्षों में अपने इस प्लेटफार्म पर दुष्प्रचार को रोकने के लिए अधिक कठोर कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा है.
फ्री स्पीच की रक्षा के विचार पर ज्यादा ध्यान देंगे मस्क
सोशल मीडिया कंपनी ने अपनी नीतियों का उल्लंघन करने वाले खातों को निलंबित किया है. जैसे कि, 'विवादास्पद' ट्वीट नियमित रूप से हटा दिए जाते हैं. इसके अलावे कई खातों को 'आधिकारिक' या 'राज्य से संबद्ध' के रूप में चिह्नित किया जाता है ताकि दुष्प्रचार को रोका जा सके. कुछ मामलों में ट्विटर को भारत सहित अन्य देशों के स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए मजबूर किया गया है नतीजतन उन्हें 'विवादास्पद' खातों या ट्वीट्स को हटाना पड़ा है. ट्विटर ने जो ये कार्रवाई की है उसका मकसद भारत जैसे विशाल बाजार में कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करना है वहीं दूसरी तरफ "फ्री स्पीच एक्टिविस्ट चेतावनी देते हैं कि इस तरह की कार्रवाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को प्रभावित करती है.
लेकिन एलन के लिए, ट्विटर के मालिक होने का मतलब यह है कि वो अब कमाई के बजाय फ्री स्पीच की रक्षा के विचार पर ज्यादा ध्यान देंगे. ट्विटर में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत हिस्सेदारी खरीदकर एलन ने दिखाया है कि ट्विटर की कितनी विश्वसनीयता है और इतने वर्षों बाद वो कितना प्रभावशाली हो गया है. टेक अरबपति एलन मस्क फ्री स्पीच की अवधारणा को रौंदने वालों के कट्टर आलोचकों में से एक है. हाल ही में ये दिखा भी जब उन्होंने युद्धग्रस्त यूक्रेनियन को ऑनलाइन रखने के लिए स्पेसएक्स कंपनी की एक इकाई, स्टारलिंक उपग्रह इंटरनेट सेवा के कई टर्मिनलों को स्थानांतरित किया.
टेक अरबपति एलन मस्क ने इस सप्ताह वैंकूवर में हुए एक TED टॉक में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इस्तेमाल करने वालों के पास ये हकीकत और अवधारणा दोनों होनी चाहिए कि वे कानून की सीमा के अंदर ही स्वतंत्र रूप से बोल सकते हैं. गौरतलब है कि फेसबुक अपने उपयोगकर्ताओं को बदलावों की जानकारी दिए बिना अपने राजनीतिक और आर्थिक हितों के अनुरूप एल्गोरिदम डिजाइन करते हैं. एलन चाहते हैं कि ट्विटर का एल्गोरिदम सबके लिए खुला और पारदर्शी हो.
अब ट्विटर एक अरबपति के हाथों में चला गया है
अब जो एडिट बटन में बदलाव होने जा रहा है वो यह सुनिश्चित करेगा कि ट्वीट में किए गए परिवर्तनको कोई भी देख सके और जान सके कि कार्रवाई की गई है. और ये परिवर्तन चाहे तो ट्विटर कर सकता है या फिर उपयोगकर्ता ताकि "एल्गोरिथम या मैन्युअल रूप से पर्दे के पीछे किसी प्रकार की हेरफेर की गुंजाइश न हो. यह वास्तव में ट्विटर को उसकी पूंजीवादी प्रवृत्तियों से मुक्त करेगा.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने ट्विटर को एक सार्वजनिक स्वामित्व वाली कंपनी से एक निजी इंटरप्राईज में बदल दिया है. ऐसा करके उन्होंने ट्विटर को उन सत्तावादी सरकारों के दवाब से बचा लिया है, जो ये चाहते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म उनके इशारों पर चले औऱ उनके विमर्श को आगे बढ़ाए चाहे इसके लिए सच्चाई का गला ही क्यों न घोंट देना पड़े.
अब यह ट्विटर एक अरबपति के हाथों में चला गया है जो अपने आर्थिक प्रदर्शन और व्यवहारिकता के लिए बहुत कम फिक्रमंद है. वो इसे सॉफ्ट पावर के एक उपकरण की तरह अधिनायकवादी सरकारों के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहते हैं तो यह वास्तव में फ्री स्पीच के लिए डिजिटल स्पेस कालोकतंत्रीकरण ही होगा. टेस्ला बॉस को फ्री-स्पीच का एक धर्मयोद्धा माना जाता है और वह अकेले ही यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि ट्विटर को अपनी पूरी क्षमता का एहसास हो.
Rani Sahu

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