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- विराट कोहली क्या...
प्रियदर्शन अपनी किताब 'वनडे वंडर्स' की शुरुआत सुनील गावस्कर एक दिलचस्प प्रसंग से करते हैं. यह 1984 में भारतीय क्रिकेट टीम और कप्तान के चयन से जुड़ा वाकया है. टीम चंडीगढ़ के होटल में रुकी है और पास में कहीं चयनकर्ताओं की बैठक हो रही है. बेंसन ऐंड हेजेज और रॉथमेन्स सीरीज़ के लिए कप्तान का चयन हो रहा है. कप्तान के तौर पर कपिलदेव, गावस्कर के अलावा रवि शास्त्री के नाम पर भी चर्चा चल रही है. गावस्कर रवि शास्त्री के कमरे में ही गपशप कर रहे हैं. अचानक एक फोन आता है- किसी महिला की आवाज़ है. गावस्कर समझते हैं कि रवि शास्त्री की किसी फ़ैन ने फोन किया होगा. लेकिन शास्त्री गावस्कर से कहते हैं- पम्मी का फ़ोन है- पम्मी, यानी सुनील गावस्कर की पत्नी मार्शनील गावस्कर. मार्शनील सुनील गावस्कर को फोन पर बताती हैं कि उन्होंने पार्टी के लिए जो सामान ऑर्डर किया था, वह आ गया है. गावस्कर कुछ हैरान रह जाते हैं. उन्होंने कोई ऑर्डर नहीं किया था. लेकिन वे इशारा समझ जाते हैं. शास्त्री को भी कुछ भनक मिल जाती है. गावस्कर अपने कमरे में जाते हैं तो मार्शनील कहती हैं- वेलकम कैप्टन