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- क्या किसान आंदोलन...
रवीश कुमार।
किसान आंदोलन के नेता अगर चाहते हैं कि प्रधानमंत्री उनसे बात करें तो उन्हें महापंचायत का आयोजन नहीं करना चाहिए. उन्हें किसान महापंचायतों की जगह कबड्डी, खो-खो, हॉकी का आयोजन करना चाहिए ताकि इन खेलों में विजय प्राप्त करते ही विजयी किसान नेताओं को प्रधानमंत्री का फोन आ जाए और फिर उस बातचीत का वीडियो न्यूज़ चैनलों पर भी ख़ूब चलेगा. यह प्रसंग इसलिए आया कि खिलाड़ियों के लिए सुलभ प्रधानमंत्री किसानों के लिए कितने दुर्लभ हो गए हैं. नौ महीने से अनगिनत महापंचायतों, धरना-प्रदर्शनों और किसान संसद के आयोजन के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी की किसान नेताओं से बात नहीं हुई जबकि उन्होंने कहा था कि वे एक कॉल की दूरी पर हैं. कभी कुछ किसानों का आंदोलन तो कभी बड़े किसानों का आंदोलन बता कर इस आंदोलन को खारिज करने के बाद किसान हर बार अपनी रैलियों के ज़रिए बता रहे हैं कि उनका आंदोलन किसका है.