सम्पादकीय

क्या कल फ्लोर टेस्ट में गिर जाएगी पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार! बीजेपी को यहां क्या है फायदा?

Gulabi
21 Feb 2021 8:24 AM GMT
क्या कल फ्लोर टेस्ट में गिर जाएगी पुडुचेरी की कांग्रेस सरकार! बीजेपी को यहां क्या है फायदा?
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दक्षिण में पुडुचेरी (Puducherry) कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता रहा है. लेकिन

दक्षिण में पुडुचेरी (Puducherry) कांग्रेस का अभेद्य किला माना जाता रहा है. लेकिन देश भर में अपना जनाधार खो रही कांग्रेस अब अपने ही गढ़ में सत्ता खोने के कगार पर आ गई है. पिछले दिनों कांग्रेस के 4 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया जिसके बाद कांग्रेस बहुमत से दूर हो गई. 22 फरवरी को अब मुख्यमंत्री नारायणसामी (V Narayanasamy) अपनी सरकार बचाने के लिए फ्लोर टेस्ट देने वाले हैं. अगर वह यहां बहुमत साबित नहीं कर पाते तो पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी और अगर ऐसा हुआ तो यहां राष्ट्रपति शासन लग जाएगा. आने वाले महीनों में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस कतई नहीं चाहेगी कि यहां विधानसभा चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत हों.


अगर आप पुडुचेरी के पूरे घटना क्रम पर बारीक नजर डालें तो पाएंगे की यह बिल्कुल एक कहानी की तरह हुआ है. जहां पहले गवर्नर किरण बेदी से राज्य सरकार की तकरार फिर केंद्र का किरण बेदी को हटाना उसके बाद कांग्रेस के विधायकों का इस्तीफा और अब फ्लोर टेस्ट. सब कुछ एक दम किसी कहानी की तरह कुछ ही दिनों में हो गया. इस वक्त पुडुचेरी कि राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन (Tamilisai Soundararajan) हैं. बीजेपी की वफादार नेता जो सबकी सुनती हैं. किरण बेदी के साथ यह था कि वह कई मामलों में अपनी मनमानी करती थीं. जानकारों की मानें तो उनको हटाने के पीछे एक वजह ये भी थी.


क्या कहता है सियासी गणित
राजनीति में सब कुछ गणित पर ही टिका होता है. यहां नंबर गद्दी दिलाते भी हैं और गद्दी से गिराते भी हैं. कांग्रेस जब 2016 में विधानसभा चुनाव जीत कर सत्ता में आई थी तो उसके पास कुल 15 विधायक थे साथ ही सहयोगी DMK के 4 और एक निर्दलीय उम्मीदवार का साथ था. लेकिन अब जब कांग्रेस के 4 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और एक को अयोग्य घोषित कर दिया गया है तब कांग्रेस के पास केवल 10 विधायक बचे हैं. जिसके कारण कांग्रेस पार्टी अल्पमत में आ गई है और कांग्रेस की किला ढहने की कगार पर आ गया है. वहीं विपक्ष की बात करें तो उसके पास भी 14 सदस्य हैं जिसमें 7 एनआर कांग्रेस के 4 AIADMK के और तीन मनोनीत जिन्हें किरण बेदी ने चुने थे. यानि इस वक्त 33 विधानसभा सीटों वाली पुडुचेरी में पक्ष और विपक्ष दोनों के पास 14-14 विधायक हैं.

विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रपति शासन के मायने
विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही राज्य में सत्ता गिर जाना सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता के बीच आत्मविश्वास की कमी ला देता है. साथ ही यह टेक्निकल कारणों से भी ठीक नहीं होता. पुडुचेरी में राज्यपाल और सरकार के बीच पहले से ही खींचतान मची हुई थी जिसकी वजह से जनता भी परेशान थी. अब अगर कांग्रेस की सत्ता चली गई और राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत चुनाव हुए तो कांग्रेस को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. कांग्रेस की मौजूदा सरकार से दो मंत्रियों समेत 4 विधायकों ने इस्तीफा दिया है. इससे जनता के बीच सरकार को लेकर गलत संदेश जाता है.

क्या बीजेपी इस बार बनाएगी इतिहास
अगर विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाते हैं तो इससे कहीं न कहीं बीजेपी को फायदा होता नजर आ रहा है. हालांकि अभी ये कहना की बीजेपी यहां कुछ इतिहास रचेगी ऐसा कह पाना थोड़ा मुश्किल है. लेकिन इस्तीफा देने वाले दो विधायकों का बीजेपी में शामिल होना और केंद्र सरकार का इस तरह प्रमुखता से पुडुचेरी को लेना काफी अहम माना जा रहा है. पूरा सियासी समीकरण देख कर लगता है कि बीजेपी अब कांग्रेस के इस दक्षिण के किले पर भी अपना भगवा परचम लहराना चाहती है. इससे बीजेपी उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम तक अपना विस्तार करने में कामयाब हो जाएगी. बीजेपी पुडुचेरी में सरकार बनाकर वहां विकास का एक नया मॉडल तैयार करना चाहती है जिसके जरिए वो दक्षिण को दिखा सके कि वह अगर दक्षिण में आती है तो किस तरह का विकास करेगी.

कांग्रेस से तीन और विधायक दे सकते हैं इस्तीफा?
बीजेपी के बड़े नेताओं की माने तो पुडुचेरी कांग्रेस के तीन और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो फिर कांग्रेस की सरकार को गिरने से कोई नहीं बचा पाएगा. बीजेपी का दावा है कि फ्लोर टेस्ट में नारायणसामी की सरकार विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी और गिर जाएगी. हालांकि इसके उलट वी. नारायणसामी का कहना है कि हमारे पास पूरे आंकड़ें हैं और हम बहुमत साबित करके दिखाएंगे. अब यह तो कल ही पता चलेगा कि कांग्रेस अपना अभेद्य किला बचा पाती है या उसमें बीजेपी की सेंध लग जाएगी.


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