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संयम श्रीवास्तव। भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) कोरोना महामारी (Corona Epidemic) की वजह से बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. मार्च 2020 से ही भारत में संपूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) कई महीनों तक रहा, जिससे कोरोड़ों लोगों की ज़िंदगी प्रभावित हुई, काम-धंधे, व्यापार सब बंद रहा उस वजह से भारत की इकॉनोमी भी प्रभावित हुई. भारत की अर्थव्यवस्था इस दौरान दो तरफ से मार खा रही थी, एक तो काम-धंधा बंद होने की वजह से भारत सरकार (Indian Government) को टैक्स (Tax) नहीं मिल पा रहा था, दूसरी ओर कोरोना से उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार अपने खजाने से पैसा दिए जा रही थी. चाहे वह गरीबों के खाते में पैसे पहुंचाना हो या फिर लोगों तक राशन पहुंचाना, या फिर कोरोना प्रबंधन के लिए पैसे खर्च करना सरकार का खजाना हर तरफ से खाली हो रहा था. अब बात चल रही है कि सरकार इस आर्थिक मुसीबत से निपटने के लिए और नोट छापने वाली है, यानि 'क्वॉन्टिटेटिव इज़ींग' अधिक नोट छापने को टेक्निकल भाषा में यही कहते हैं.