सम्पादकीय

खत्म होती कोरोना महामारी के बीच मंकीपॉक्स और टोमैटो फ्लू एक नया खतरे बनेंगे?

Rani Sahu
28 May 2022 12:52 PM GMT
खत्म होती कोरोना महामारी के बीच मंकीपॉक्स और टोमैटो फ्लू एक नया खतरे बनेंगे?
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देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है

पंकज कुमार |

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए मामलों में लगातार कमी आ रही है. एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि कोरोना महामारी का एंडेमिक फेज चल रहा है और अब किसी नई खतरनाक लहर आने की आशंका भी नहीं है. दुनियाभर में भी कोरोना से हालात काबू में होते दिख रहे हैं और करीब ढाई साल बाद ये वायरस हल्का पड़ता नजर आ रहा है, लेकिन इस बीच दो बीमारियों चिंता का कारण बन गई है. इनमें पहली है मंकीपॉक्स (Monkeypox) और दूसरी है टोमैटो फ्लू (Tomato Flu). जहां 17 दिन के भीतर ही मंकीपॉक्स दुनिया के 15 से अधिक देशों में फैल गया है. वहीं, भारत में टोमैटो फ्लू के केस लगातार बढ़ रहे हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मंकीपॉक्स और टोमैटो फ्लू दोनों ही वायरस की वजह से होने वाली बीमारियां है और ये संक्रामक भी है. यानी, ये एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. ऐसे में इनसे सतर्क रहने की जरूरत है. मंकीपॉक्स की बात करें तो भारत में अभी इसका कोई केस रिपोर्ट नहीं किया गया है, लेकिन अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन में इसके केस लगातार रिपोर्ट हो रहे हैं. ब्रिटेन में तो 90 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. दुनियाभर में मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत भी अलर्ट हो गया है.
इस बाबत आईसीएमआर ने कहा है कि मंकीपॉक्स से निपटने और इलाज़ के लिए तैयारी पूरी है. जिन देशों में मंकीपॉक्स के मामले आए हैं वहां से आने वाले लोगों की सख्त निगरानी की जा रही है और एयरपोर्ट पर उनकी जांच कर सैंपल लिए जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मंकीपॉक्स का वायरस कोरोना की तरह फैल सकता है, लेकिन अभी से सख्त कदम उठाने से इस वायरस का प्रसार रोका जा सकता है. राहत ही बात यह है कि ये वायरस जहां भी मिल रहा है वहां इसमें म्यूटेशन नहीं हुआ है. यानी जो पुराना वायरस था वही फैल रहा है और उसमें कोई अंतर नहीं है. ऐसे में संक्रमितों की जांच, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन की नीति अपनाकर इस वायरस को रोका जा सकता है.
क्या खतरा बनेगा मंकीपॉक्स वायरस
जिस हिसाब से मंकीपॉक्स के केस बढ़ रहे हैं. इसको लेकर चिंता बढ़ गई है. ऐसे में यह आशंका भी जताई जा रही है कि ये वायरस कई देशों में फैल सकता है. अब सवाल उठता है कि क्या इस वायरस से लोगों को खतरा होगा और ये कोई नई महामारी बन सकता है? इस बारे में महामारी एक्सपर्ट डॉ. अंशुमान कुमार का कहना है कि मंकीपॉक्स वायरस नया नहीं है. लेकिन ये दोबारा क्यों फैल रहा है. इसके कारणों को जानने की जरूरत है. डॉ. का कहना है कि इस वायरस से पैनिक नहीं होना चाहिए. ये 60 साल पुराना वायरस है. जिसका कभी भी कोई गंभीर परिणाम नहीं देखा गया है.
इससे पहले जब अफ्रीका में ये आया था. तब वहां कुछ इलाकों तक ही ये सीमित रहा था. इस वायरस से उस हद तक डरने की कोई जरूरत नहीं है जैसा कोविड में था. ये जानवरों से होने वाला वायरस है लोगों में इसका असर भी गंभीर नहीं होता है. चूंकि ये म्यूटेट नहीं कर रहा है और शरीर में जाकर गंभीर लक्षण पैदा नहीं करता है. इसलिए इससे कोई गंभीर खतरा नहीं होगा.
लेकिन इसकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे. लोगों को चाहिए कि वे बीमार जानवरों के संपर्क में न आए. अगर उनका कोई रिश्तेदार या करीबी मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से आया है, तो कुछ समय उससे दूरी बनाकर रखे. साथ ही साफ सफाई का ध्यान रखें. अगर बुखार महसूस हो रहा है और दो से तीन दिन बाद भी नहीं उतर रहा है तो डॉक्टरों से सलाह लें.
टोमैटो फ्लू का बढ़ता दायरा
भारत में अभी मंकीपॉक्स का भले ही कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है, लेकिन यहां बच्चों में होने वाले टोमैटो फ्लू का दायरा लगातार बढ़ रहा है. केरल, तमिलनाडु और ओडिशा में इस फ्लू के मामले रिपोर्ट हुए हैं. इसके केस और बढ़ने का भी खतरा है. इसको देखते हुए संक्रमण वाले राज्यों में बच्चों में बुखार के मामलों पर खास निगरानी रखी जा रही है और इनके सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. हालांकि अभी किसी भी बच्चे में इस फ्लू से मौत का मामला नहीं आया है, लेकिन इसके तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए खास सावधानी बरती जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ये बीमारी बच्चों के लिए घातक नहीं है, लेकिन इसका प्रसार काफी तेजी से हो सकता है. क्योंकि ये पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होता है और ऐसे बच्चों में इम्यूनिटी कम होती है. ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखने की जरूरत है. टोमैटो फ्लू के फैलने के कारणों का अभी पता नहीं चला है, लेकिन ये एक वायरस हो सकता है जो बच्चों को संक्रमित कर रहा है और एक से दूसरे बच्चे में तेजी से फैल सकता है.
देश में खतरा नहीं, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि टोमैटो फ्लू और मंकीपॉक्स दोनों ही चिकन पॉक्स और स्मॉल पॉक्स फैमिली के वायरस हैं. इनके लक्षण भी लगभग एक जैसे ही हैं. इस प्रकार के वायरस के लिए देश में वैक्सीन भी मौजूद है. ऐसे में इनसे कोई खतरा होने की आशंका नहीं है. लेकिन लोगों को सतर्क रहना होगा. इस समय बुखार के मामलों को हल्के में नहीं लेना होगा. खासतौर पर जिन घरों में बुजुर्ग और बच्चे हैं, वहां लापरवाही नहीं करनी चाहिए.

सोर्स-tv9hindi.com

Rani Sahu

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