सम्पादकीय

पाकिस्तान से आखिर क्यों डर गए अमेरिकी राष्ट्रपति?

Rani Sahu
17 Oct 2022 6:05 PM GMT
पाकिस्तान से आखिर क्यों डर गए अमेरिकी राष्ट्रपति?
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By लोकमत समाचार सम्पादकीय
लगता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अचानक ही डर गए हैं. अब उन्हें शायद यह दिव्य ज्ञान हुआ है कि पाकिस्तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश है. उसके पास बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार हैं और वह उसकी संख्या लगातार बढ़ा रहा है.
आश्चर्यजनक यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी समझ तब बता रहे हैं, जब उनके प्रशासन ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए पाकिस्तान को एफ-16 के रख-रखाव का पैकेज मंजूर किया है, जिस पर भारत ने अनेक सवाल उठाए और यहां तक कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक ऐसा रिश्ता है, जिसका दोनों को कभी लाभ नहीं हुआ.
सवाल यह है कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए अमेरिका को पाकिस्तान में जाना पड़ता है, इसी प्रकार दुनिया की अनेक आतंकवादी वारदातों के तार पाकिस्तान से ही जुड़े मिलते हैं, ऐसे में पाकिस्तान को सामरिक दृष्टि से मजबूत बनाने की अमेरिकी कोशिशों को क्या कहा जा सकता है?
भारत लंबे समय से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है, बावजूद इसके अमेरिका ने अपनी हर तरह की सहायता में कभी कोई कमी नहीं की. यहां तक कि हथियार और रक्षा सामग्री को नियमित रूप से दिया. सब जानते हैं कि पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई और सेना आतंकवादियों को खुली सहायता पहुंचाते हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि पाकिस्तान की सहायता अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवादियों की सहायता ही है. फिर भी अमेरिकी प्रशासन अपने हाथ पीछे नहीं खींचता है.
चूंकि हाल के दिनों में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अनेक अंतर्राष्ट्रीय मंचों से अमेरिका की दोहरी भूमिका पर सवाल उठाए और कड़े शब्दों में आलोचना की. इससे अमेरिका को कहीं न कहीं यह अहसास हो चला है कि भारत को उसकी हरकतें रास नहीं आ रही हैं. वह दबाव से नहीं, बल्कि अपने दम से दुनिया में अपनी ताकत और क्षमता को स्थापित करने में जुटा है.
कोई भी देश भारत के प्रयासों को नजरअंदाज नहीं कर पा रहा है. लिहाजा भारत की नाखुशी देख पाकिस्तान की आलोचना कर उसे खुश किया जा सकता है, जिसे राष्ट्रपति बाइडेन ने कर दिखाया है. मगर उसका असर पाकिस्तान में भी दिख रहा है. इसलिए अमेरिका को चाहिए कि वह दुनिया के देशों की सही पहचान अपने पास रखे और उसी के अनुसार बर्ताव करे. वर्ना कुछ कहने के बाद काफी कुछ सुनने को मिल सकता है.
Rani Sahu

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