सम्पादकीय

श्रीलंका बर्बाद क्यों हुआ? क्योंकि शेर अकेला चरता है

Rani Sahu
5 April 2022 12:01 PM GMT
श्रीलंका बर्बाद क्यों हुआ? क्योंकि शेर अकेला चरता है
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श्रीलंका एक खुशहाल देश हुआ करता था. लंका, समुद्र से उभरा हुआ पहाड़ है

Raj Simant

श्रीलंका एक खुशहाल देश हुआ करता था. लंका, समुद्र से उभरा हुआ पहाड़ है, तो इस पर धान्य फसलें कम होती हैं. चाय, मसाले, रबर, और तमाम हार्टिकल्चर की फसल ही उसकी इकॉनौमी हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति जीडीपी में लंका के आंकड़े वैश्विक स्तर के थे. कुल मिलाकर दक्षिण एशिया का एक समृद्ध देश श्रीलंका था. अब दिवालिया है.
प्रभाकरण को मारकर राजपक्षे और उनका परिवार जनता का हृदय सम्राट बन गया. बहुमत पे बहुमत मिला, ताकतवर सरकारें बनीं. ताकतवर सरकार, यानि बाजार, व्यापार, बैंक, अर्थव्यवस्था, कानून, कोर्ट और मीडिया पर पूरा कंट्रोल. आज श्रीलंका में राजपक्षे परिवार की डिक्टेटरशिप है. और डिक्टेटर सबकुछ जानता है.
डिक्टेटर को साइंस, टेक्नोलॉजी, हिस्ट्री, सिविक्स, एग्रीकल्चर, बैंकिंग, बिजनेस, स्पोर्ट्स, स्पेस, राडार सबकुछ. यानि दुनिया की हर चीज के बारे में विशद जानकारी होती है उन्हें. बहुसंख्यक यह मानने लगता है कि डिक्टेटर भला आदमी होता है, उसकी नीयत में खोट नहीं होता.
तो राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने निर्णय लिया – देश विश्वगुरू बनेगा. "आर्गेनिक विश्वगुरू"!
यही पर राजपक्षे मार खा गये. एकदम ओर्गैनिक! धीरे नहीं चला, ओर्गैनिक की तरफ तेज दौड़ पड़ा. अच्छे-बुरे की समीक्षा किये बिना सबने वाह-वाह किया.
तो एक दिन राष्ट्रपति महोदय ने घोषणा कर दी. आज से देश में फर्टिलाईजर बैन, कीटनाशक बैन! किसी तरह का केमिकल हमारे देश में उपयोग नहीं होगा. जो करेगा, उसे सजा मिलेगी. देश रातों-रात ओर्गेनिक हो गया. राष्ट्रपति महोदय का विश्व में डंका बजने लगा. यूएन ने तारीफ की, लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा, 'नहीं – इससे श्रीलंका की कृषि तबाह हो जाएगी.'
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