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भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) हर दिन नई बुलंदियों को हासिल कर रहा है
संयम श्रीवास्तव। भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) हर दिन नई बुलंदियों को हासिल कर रहा है. शेयर मार्केट में लगातार मजबूती बनी हुई है. शुक्रवार को ही बाजार ने अपने सर्वोत्तम स्तर को छुआ और निवेशकों को उससे तगड़ा मुनाफा हुआ. मात्र 8 महीने के भीतर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स ने 50,000 से 60,000 अंक का आंकड़ा पार कर लिया है. जबकि आखरी 5000 अंकों की बढ़त महज 28 कारोबारी दिनों में ही मिल गई. इस साल अब तक निफ्टी और सेंसेक्स (Nifty and Sensex) तकरीबन 25-25 फ़ीसदी ऊपर चढ़ चुके हैं. जानकारों का मानना है कि बीच-बीच में भले ही बाजार में थोड़ी बहुत गिरावट देखने को मिले लेकिन यह तेजी लंबे समय तक रहने वाली है. यहां तक कि अगर ऐसी ही तेजी बनी रही थी अगले 5 सालों में इंडियन स्टॉक मार्केट एक लाख अंकों तक जा सकता है.
जेफरीज में इक्विटी स्ट्रेटजी के ग्लोबल हेड क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि इंडियन मार्केट का वैल्यूएशन भले ही ऊपर हो, लेकिन इकोनॉमी की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है. वुड का मानना है कि आने वाले लंबे समय तक भारत का हाल बेहतर रहेगा. हां यह जरूर है कि हाल-फिलहाल में मार्केट ऊपर नीचे होगा, लेकिन स्थिति देखने में बेहतर लग रही है. हालांकि ऐसे माहौल में शेयर खरीदना एक बड़े रिस्क को दावत देना है.
5 सालों में एक लाख अंक तक जा सकता है सेंसेक्स
चीन में इस वक्त टेक कंपनियों पर वहां की सरकार सख्ती बरत रही है. ऊपर से रियल स्टेट के खस्ताहाल की वजह से विदेशी निवेशकों का झुकाव पूरी तरह से भारत की ओर बढ़ रहा है, जिससे तमाम नई कंपनियां भारत में सामने आ रही हैं. आने वाले समय में यह भारतीय बाजार में लिस्ट होंगी और इनका असर इंडेक्स पर भी दिखेगा. भारतीय बाजार अपने रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और म्यूचुअल फंड से भी तगड़ा पैसा आ रहा है. अगर इसी तरह से भारतीय बाजार में बुल रन लंबा चला तो आने वाले 5 सालों में सेंसेक्स एक लाख अंकों तक भी जा सकता है.
बड़े पैमाने पर बॉन्ड खरीद रहा है अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक
बाजार में इतने उछाल की एक वजह यह भी है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक इस वक्त बड़े पैमाने पर बॉन्ड खरीद रहा है. हालांकि बांड खरीद कर अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक अभी जिस तरह से लिक्विडिटी पंप कर रहा है, आने वाले समय में वह इससे हाथ भी खींच सकता है. अगर फेडरल रिजर्व बैंक ने अचानक ऐसा कोई कदम उठाया तो ग्लोबल लेवल पर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी. जब दुनिया भर के मार्केट गिरेंगे तो इंडियन मार्केट में भी गिरावट नजर आएगी, खासतौर से यह गिरावट स्मॉल कैप्स और आईपीओ मार्केट में नजर आएगी.
ग्लोबल मार्केट से बेहतर परफॉर्म कर रहा है भारतीय बाजार
भारतीय बाजार की इस वक्त जैसी स्थिति है यह साल 2003 से 2007 के बुल मार्केट जैसी है. जो 2 से 3 साल तक बनी रहेगी. हालांकि आने वाले समय में बाजार में उतार-चढ़ाव जरूर दिख सकते हैं, ऐसे में कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. लेकिन फिलहाल भारतीय बाजार मजबूत अपट्रेंड में है और ग्लोबल मार्केट से भी बेहतर परफॉर्म कर रहा है. हालांकि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले समय में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत और युएस बॉन्ड यील्ड का बढ़ना बाजार में शार्ट टर्म उतार-चढ़ाव ला सकता है. अगर बाजार में 10 से 20 पर्सेंट का कोई करेक्शन दिखे तो खरीददारों के लिए यह बढ़िया मौका साबित हो सकता है.
रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के दाम भी बढ़ेंगे
भारतीय बाजार की जैसी स्थिति है उसमें जानकार मानते हैं कि इस वक्त रियल स्टेट स्टॉक्स को लंबे समय तक के लिए होल्ड किया जा सकता है. ऐसे में भारत में फिर से एक बार रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के दाम बढ़ सकते हैं और यह दौर आने वाले 5 सालों तक चलने की संभावना है. अगर आप रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए उचित है क्योंकि आने वाले वक्त में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में उभार देखने को मिल सकता है.
निवेशकों को संभलने की भी जरूरत है
शेयर बाजार उस समुंदर की तरह है जिसमें ज्वार भाटा आता रहता है. ऐसे में इस वक्त भारतीय बाजार भले ही शिखर पर है लेकिन निवेशकों को बहुत सोच समझकर बाजार में बने रहने की आवश्यकता है. क्योंकि केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियों और बॉन्ड यील्ड में अगर बढ़ोतरी हुई तो पूंजी बाजार में तेजी से गिरावट आ सकती है. ऐसे में भारतीय शेयर बाजार में 10 से 15 फ़ीसदी की भारी गिरावट दर्ज की जा सकती है. इसलिए अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं या निवेश करने की सोच रहे हैं तो बेहद सावधानी से और किसी भी शेयर को अच्छी तरह से जांच परख के ही उसमें निवेश करें.
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