सम्पादकीय

समान नागरिक संहिता पर ऐतराज क्यों?

Gulabi Jagat
30 March 2022 4:59 PM GMT
समान नागरिक संहिता पर ऐतराज क्यों?
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कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई कि संविधान के अनुच्छेद 44 में जो यह प्रावधान है कि
कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई कि संविधान के अनुच्छेद 44 में जो यह प्रावधान है कि देश में एक जैसी नागरिक संहिता हो, उस पर किसी भी सरकार ने गंभीरता क्यों नहीं दिखाई। यह काफी सराहनीय है और हर राजनीतिक पार्टी की सरकार को इस मुद्दे पर कटघरे में खड़ा करने वाली प्रतिक्रिया है। अगर हमारे देश में समान नागरिक संहिता का सिलसिला शुरू हो जाए तो यह हमारे देश की एकता और अखंडता को और मजबूत करने का बेशक काम करेगा, लेकिन यह उन राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों के लिए खतरा नजर आएगा जो धर्म-संप्रदाय पर राजनीति की रोटियां सेंकते हैं। कुछ भी हो, मोदी सरकार को जल्द ही समान नागरिक संहिता के लिए फैसला ले लेना चाहिए। इस पर किसी को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।
– राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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