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- ओबीसी सूची का मामला...
obc amendment bill passed अन्य पिछड़ी जातियों यानी ओबीसी की सूची को लेकर एक बार फिर कानून बदल रहा है। पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मई में आए फैसले को पलटने के लिए केंद्र सरकार यह कानून ला रही है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठों को पिछड़ी जाति में शामिल करके आरक्षण दिए जाने के फैसले को रद्द कर दिया था। इसी साल मई में सुनाए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने दो बातें कही थीं। एक बात तो यह थी कि संविधान के 102वें संशोधन के बाद ओबीसी की सूची में फेरबदल का अधिकार राज्यों को नहीं है और दूसरे इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिए फैसले में आरक्षण की 50 फीसदी की जो सीमा तय की गई है उसे तोड़ने की इजाजत नहीं है। पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया था। सो, ऐसा लग रहा है कि इसी फैसले को 127वें संशोधन के जरिए केंद्र सरकार पलट रही है।