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- आखिर इतने "राजद्रोह"...
जिस थोक भाव से देश में राजद्रोह के मामले दर्ज हो रहे हैं, वह खुद सरकार के लिए आत्म निरीक्षण का विषय मुहैया कराते हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ है कि इस सरकार के सत्ता में आने के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोग "राजद्रोही" क्यों होने लगे हैं? या मामला यह है कि सरकार की राजद्रोह की परिभाषा बदल गई है? क्या आज सरकार की हर आलोचना और विरोध को राजद्रोह समझा जाने लगा है? असल बहस का मुद्दा यही है। बहरहाल, खबर यह है कि देश के विभिन्न भागों में 2019 के दौरान राजद्रोह के 93 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 96 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 2019 में 76 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए गए जबकि 29 लोगों को अदालतों द्वारा बरी कर दिया गया। सबसे अधिक 22 ऐसे मामले कर्नाटक में दर्ज किए गए, जहां 18 लोगों की गिरफ्तारी की गई। असम में राजद्रोह के 17 मामले दर्ज किए गए, जहां 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जम्मू कश्मीर में राजद्रोह के 11 मामले दर्ज किए गए, जहां 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया।