सम्पादकीय

अचानक से बच्चे क्यों होने लगे हैं कोरोना संक्रमित, क्या इसका कारण XE वैरिएंट है?

Rani Sahu
14 April 2022 11:18 AM GMT
अचानक से बच्चे क्यों होने लगे हैं कोरोना संक्रमित, क्या इसका कारण XE वैरिएंट है?
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देश के कई राज्यों में कोरोना (Corona) के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं

Abhishek Panchal |

देश के कई राज्यों में कोरोना (Corona) के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. इस बीच स्कूलों में भी बच्चे संक्रमित (Corona in schools) हो रहे हैं. दिल्ली -एनसीआर में अबतक 40 से अधिक बच्चे कोविड पॉजिटिव मिल चुके हैं. स्कूलों के खुलने के कुछ दिनों के भीतर ही बच्चे में संकमण तेजी से फैलने लगा है. इससे चौथी लहर की आशंका भी जताई जा रही है, लेकिन फिलहाल यह सवाल उठता है किजब कुछ ही सप्ताह पहले कोरोना की तीसरी लहर खत्म हुई है और बच्चों का वैक्सीनेशन (Children's Vaccination) भी तेजी से चल रहा है. फिर भी उनमें संक्रमण के मामले तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं? क्या ये किसी नए वैरिएंट (Corona New Variant) के बढ़ते खतरे की तरफ इशारा है? या बच्चों की ओर से कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करने से ऐसा हो रहा है? आइए जानते हैं कि इस बारे में कोविड एक्सपर्ट्स का क्या कहना है.
सफदरजंग हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर Tv9 से बातचीत में बताते हैं " स्कूल खुलने के बाद बच्चों ने बाहर आना-जाना शुरू किया है. वह बिना मास्क लगाए और शारीरिक दूरी का पालन किए आपस में मिल रहे हैं. चूंकि वायरस हमेशा आसपास की मौजूद रहता है. कोरोना म्यूटेट होकर नए वैरिएंट में बदलता रहता है. ऐसे में हो सकता है कि बच्चे किसी नए वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हों. इसका एक कारण यह भी है कि जो बच्चो तीसरी लहर में कोविड पॉजिटिव नहीं हुए थे. वे अब संक्रमित हो रहे हैं. लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. क्योंकि बच्चों में संक्रमण किसी वायरल की तरह ही रहेगा. ऐसे में उन्हें कोई खतरा नहीं होगा"
क्या XE वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं बच्चे?
इस सवाल के जवाब में डॉ. किशोर ने बताया कि बच्चों का संक्रमित होना इस बात का इशारा है भी हो सकता है कि कोई नया वैरिएंट आ गया है.चूंकि फिलहाल देश में XE वैरिएंट के मामले सामने आए हैं. ऐसे में यह वैरिएंट बच्चों में भी फैल रहा होगा. जिससे बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. ये वैरिएंट फैलता भी काफी तेजी से है. इस वजह से केस भी बढ़ रहे हैं.
नई दिल्ली स्थित एम्स के क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह ने भी डॉ. किशोर की राय पर अपनी सहमति जताई है. डॉ. युद्धवीर ने Tv9 से बातचीत में कहा " अगर बच्चे कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि कोई नया वैरिएंट मौजूद है, जो उनको संक्रमित कर रहा है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए. अगर सीक्वेंसिंग में पता चलता है कि कोई नया या XE वैरिएंट है, तो उसके हिसाब से प्रोटोकॉल जारी कर कदम उठाने की जरूरत है"
स्कूलों को बंद करना इसका समाधान है?
डॉ. जुगल किशोर कहते हैं कि भले ही बच्चे संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन उनमें कोविड के हल्के लक्षण हैं. अगर उनमें XE वैरिएंट है भी, तो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. क्योंकि ये ओमिक्रॉन का ही एक हाइब्रिड वैरिएंट है. ओमिक्रॉन के खिलाफ बच्चों में इम्यूनिटी है. ऐसे में उन्हें XE वैरिएंट से खतरा नहीं होगा. वे संक्रमित होंगे भी तो उनमें हल्के लक्षण ही रहेंगे. इसलिए जरूरी है कि स्कूलों को बंद न किया जाए. जो बच्चे संक्रमित मिले हैं उनको घर पर ही आइसोलेशन में रखें. क्योंकि संक्रमण के कुछ मामले हमेशा आते ही रहेंगे, अगर इसी प्रकार स्कूलों को बंद किया गया तो बीते दो सालों की तरह बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होगा.
डॉ. युद्ववीर सिंह का कहना है कि कोरोना की पिछली तीन लहरों में भी बच्चे संक्रमित हुए है. डेल्टा वैरिएंट की वजह से आई दूसरी लहर तक मेंबच्चों में गंभीर लक्षण नहीं आए थे .इसलिए XE वैरिएंट से खतरा होने की कोई आशंका नहीं है. बच्चे में कोविड एक वायरल की तरह ही रहेगा. इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. इसलिए जरूरी है कि स्कूलों को बंद न किया जाए. इसके बजाय स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराएं और कक्षाओं में मास्क और सेनेटाइजेशन की पूरी व्यवस्था रखें.
डॉ. युद्ववीर के मुताबिक, सभी माता-पिता को अपने बच्चों को कोरोना के बारे में जागरूक करने की जरूरत है. बच्चों को यह बताना चाहिए कि उनको खांसी या जुकाम है, तो वह इसकी जानकारी अपने माता-पिता को दें. स्कूल में मास्क लगाकर रखें और बाहर कोई भी चीज खाने से पहरेज करें. कुछ भी खाने से पहले साबुन से हाथ साफ करें. इससे बच्चे संकमण से भी बचेंगे और अन्य बीमारियों से भी बचाव होगा.

Rani Sahu

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