सम्पादकीय

मशहूर शायर मुनव्वर राना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्यों चाहिए मदद

Rani Sahu
26 Aug 2021 4:28 PM GMT
मशहूर शायर मुनव्वर राना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्यों चाहिए मदद
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अपनी कलम से ये शेर लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना की हालत भी कुछ ऐसी ही है

दौलत से मोहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन

बच्चों ने खिलौनों की तरफ़ देख लिया था
अपनी कलम से ये शेर लिखने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राना की हालत भी कुछ ऐसी ही है…हमेशा अपने शेर में ईमान और आदर्शवादिता की इबारत लिखने वाले शायर मुनव्वर राना भी अपने बेटे की वजह से बेआबरू हो रहे हैं..मामला करोड़ों की ज़मीन का है..विवाद भाई-भजीतों से ही है. खैर उस पर बात करेंगे…लेकिन मुनव्वर राना का बेटा तबरेज उन्हें ऐसे मोड़ पर ले आया है..जहां उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वो अब करें तो क्या करें। बात-बात में सरकार पर हमला करने वाले मुनव्वर राना के 24 घंटे में ऐसे दो बयान आए..जो ये बताने के लिए काफी हैं कि बेटे ने उन्हें दो राहे पर लाकर खड़ा कर दिया.
57 दिन से फरार चल रहे मुनव्वर राना के बेटे तबरेज़ को जब यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया..तो मुनव्वर राना ने योगी सरकार पर बड़ा इल्जाम लगा दिया..'इस सरकार की नज़र में हर मुसलमान आतंकवादी है. कोई भी सरकार पांच साल से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए'. मुनव्वर राना ने ये बयान तो दे दिया..लेकिन शायद बाद में उन्हें एहसास हुआ होगा कि वो हद लांघ गए..और शायद उन्हें ये भी समझ आ गया होगा कि ऐसा बयान उनके बेटे की मुश्किलों में भी इजाफा कर सकता है..लिहाजा उन्हें चंद घंटों बाद ही नया शेर कहकर प्रधानमंत्री मोदी से मदद मांगी है.
'मेरे रस्ते में जन्नत पड़ रही है, मगर तेरी जरूरत पड़ रही है'
एक वीडियो में मुनव्वर राना ने कहा कि…मैं मुसीबत में हूं लिहाजा अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचा रहा हूं. उन्होंने कहा कि 'मैं आज उनको (प्रधानमंत्री) खबरदार कर रहा हूं कि आज मैं वाकई मुसीबत में हूं. मेरे रस्ते में जन्नत पड़ रही है, मगर तेरी जरूरत पड़ रही है.'
मुनव्वर राना ने एक कहानी भी सुनाई जब प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात हुई थी…उन्होंने बताया कि मुझे जब प्रधानमंत्री ने जातीय तौर पर खत लिखा था तो मैं शर्मिंदा हुआ था कि अवार्ड वापसी के बाद कई बार बुलवाया लेकिन मैं नहीं जा पाया था..तो मैं मिलने गया. मुनव्वर राना कहते हैं कि उस दौरान उनका एम्स में ऑपरेशन भी होना था तो तब पीएम मोदी ने बहुत ख्याल रखा था..और पूछा था कि मेरे लिए कोई सेवा हो तो जरूर बताएं. तब मुनव्वर राना ने कहा था कि 'नहीं सर, एम्स में मेरा दाखिला हो गया है और अगर कभी परेशान होंगे तो आप ही के पास आएंगे'
'जहां मैं हूं वहां आवाज़ देना जुर्म ठहरा है, जहां तुम वो वहां पांव की आहट नहीं जाती'
ये शेर तब मुनव्वर राना ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था…जिस पर पीएम ने कहा था कि 'ऐसा मत कहिए
आपको जब मेरी जरूरत हो, एक ट्विट कर दीजिएगा..खत लिख दीजिएगा..ऐसा नहीं होगा कि मैं आपको जवाब न दूं.' अब जब मुनव्वर राना का बेटा तबरेज खुद पर हमला करवाकर चाचा को फंसाने के आरोप में गिरफ्तार होकर जेल पहुंच गया है…तब शायर मुनव्वर प्रधानमंत्री से मदद मांग रहे हैं. अब सवाल ये है कि जिस देश का प्रधानमंत्री मुनव्वर राना को इतना सम्मान देता है..जिस देश की अवाम उन्हें सम्मान देती है..आखिर वही मुनव्वर राना विवादित बातें क्यों करते हैं…उन्हें तालिबान से हमदर्दी क्यों है..सरकार और सिस्टम को कठघरे में खड़ा करने वाले मुनव्वर का बेटा जब इतने संगीन जुर्म के आरोप में जेल में है तो उसकी तरफदारी क्यों कर रहे हैं ?
तबरेज ने खुद पर हमले की साजिश रची थी.
बात 28 जून की है जब रायबरेली में मुनव्वर राना के बेटे तबरेज ने खुद पर गोली चलवाई थी..हमले का आरोप अपने चाचा और चचेरे भाई पर लगाकर मुकदमा दर्ज करवा दिया था. पुलिस ने जांच शुरु की तो तबरेज ही सवालों के घेरे में आ गया..पुलिस के मुताबिक मुनव्वर और उनके भाइयों के बीच 8 करोड़ की कीमत वाली पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है और दूसरे पक्ष पर दबाव बनाने के लिए झूठी कहानी गढ़ी गई थी.
24 घंटे में बदले मुनव्वर राणा के बोल
जिस सरकार पर मुनव्वर राना चंद घंटे पहले ये आरोप लगा रहे थे कि उसे हर मुस्लिम आतंकी दिखता है..चंद घंट बाद ही उनके सुर बदल गए…वो मोदी से मदद की गुहार लगाने लगाने लगे. ये कैसा विरोधाभास है इसका जवाब शायद मुनव्वर राना ही दे सकते हैं..लेकिन जो शेर उन्होंने लिखा वो उन पर सटीक बैठता है
'दौलत से मोहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन
बच्चों ने खिलौनों की तरफ़ देख लिया था'

धर्मेंद्र द्विवेदी

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