सम्पादकीय

किसका विकास

Subhi
3 Sep 2022 5:41 AM GMT
किसका विकास
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एक़ सर्वे के अनुसार, भारत में आत्महत्या करने वालों में हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर है। इस खबर को पढ़ने के बाद हर संवेदनशील भारतीय का मन व्याकुल होना स्वाभाविक है, पर विचार और विमर्श का विषय है कि अन्य तीन हिस्से कौन हैं।

Written by जनसत्ता; एक़ सर्वे के अनुसार, भारत में आत्महत्या करने वालों में हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर है। इस खबर को पढ़ने के बाद हर संवेदनशील भारतीय का मन व्याकुल होना स्वाभाविक है, पर विचार और विमर्श का विषय है कि अन्य तीन हिस्से कौन हैं। क्या देश के अन्य आत्महत्या करने वालों के विषय में चिंता और चिंतन नहीं होना चाहिए? आखिर कोई भी इंसान आत्महत्या क्यों करे?

एक अन्य खबर पुर्तगाल से आई जहां इलाज में देरी के कारण एक गर्भवती महिला की मौत के बाद विभाग के मंत्री ने पदत्याग कर दिया। कहने का आशय यह कि असल वजह है जिम्मेदारी से भागना।

अगर हमारे देश में भी जवाबदेही तय हो और नैतिक आधार को सर्वोपरि मानकर फैसले लिए जाएं तो शायद देश के किसी नागरिक को आत्महत्या करने की आवश्यकता ही न पड़े। हर जान कीमती है, रमेश हो या रियाज, आशा हो या अफसा, हर वर्ग जरूरी है दिहाड़ी मजदूर हो या किसान। व्यवस्था की भेंट कोई भी चढ़ता है तो ये निश्चित ही चिंता का विषय है।


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