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मानव-निर्मित आपदा या प्राकृतिक प्रकोप? कोरोना महामारी के स्रोत पर इस सवाल के चारों ओर पिछले 18 महीने से बहस जारी है. जबकि जालिम वायरस हर रोज हजारों लोगों को अपना शिकार बना रहा है. एक-दो नहीं, ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब अब तक सामने नहीं आए. तर्कपूर्ण साक्ष्यों के अभाव में जहां एक बार फिर वायरस के लैब से लीक होने की आशंका गहरी होती जा रही है, विषाणुओं के अप्रत्याशित संरचना और स्वरूप को आधार बनाकर इस भयावह महामारी को प्राकृतिक आपदा साबित करने की कोशिश भी लगातार जारी है. सवाल यह है कि असमंजस की यह स्थिति आखिर कब खत्म होगी? क्या कोविड-19 का सच हमेशा के लिए भविष्य के गर्त में छिप गया है या अब भी हकीकत सामने आने की कोई उम्मीद बाकी है? क्या वाकई कोई इंसानी गलती हुई और हुई तो कहां और किससे हुई? अगर ऐसा है तो दुनिया पर कोरोना के इस कहर के कसूरवार कौन हो सकते हैं?