- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- जहां भी रहें,...
सम्पादकीय
जहां भी रहें, भावनात्मक रूप से अपने परिवार से जरूर जुड़े रहें
Gulabi Jagat
14 May 2022 8:48 AM GMT
x
भारत की ताकत हमारे परिवार हैं
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
भारत की ताकत हमारे परिवार हैं। पिछले दो वर्षों में महामारी के चलते हमारा जीवन-जीविका दोनों दांव पर लग गए। हमें जीवन भी बचाना है और जीविका भी चलाना है। इस चुनौती से निपटने में हमारा सबसे बड़ा आधार, सबसे बड़ी ताकत है परिवार। वक्त की धारा में सबको बहना ही पड़ता है। समय बदला और परिवारों का स्वरूप भी छोटा होता गया।
एक दौर था जब हर परिवार में आठ-दस सदस्य होना सामान्य बात थी। धीरे-धीरे 'हम दो-हमारे दो' की व्यवस्था शुरू हुई और अब तो अधिकांश माता-पिता 'हम दो-हमारा एक' में ही संतुष्ट हैं। फिर कामकाज, नौकरी, व्यापार के चलते न चाहते हुए भी परिवार बंट गए।
बच्चे बाहर चले गए, घर में माता-पिता अकेले-से रह गए। लेकिन, संयुक्त परिवार आज भी हमारी जरूरत है। अब हम आत्मिक-संयुक्त परिवार बनाएं। जहां भी रहें, भावनात्मक रूप से अपने परिवार से जरूर जुड़े रहें। परिवार हमारी जड़ें हैं और जड़ों के बिना कोई वंशवृक्ष फल-फूल नहीं सकता। विश्व परिवार दिवस (15 मई) पर यही संकल्प लिया जाए।
Gulabi Jagat
Next Story