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आर्थिक मुसीबतों के मारे लोगों ने सरकार के खिलाफ जोरदार लामबंदी की
By NI Editorial
आर्थिक मुसीबतों के मारे लोगों ने सरकार के खिलाफ जोरदार लामबंदी की। नतीजतन राजपक्षे परिवार की कुर्सी हिली। फिर भी यह मानने को कोई तैयार नहीं है कि इस परिवार के प्रभाव का अंत हो गया है।
श्रीलंका के आर्थिक संकट का हल आसान नहीं है। फिलहाल, देश अस्थिरता और अनिश्चय के बीच गोते खा रहा है। आर्थिक मुसीबतों के मारे लोगों ने सरकार के खिलाफ जोरदार लामबंदी की। उसके परिणामस्वरूप सत्ताधारी राजपक्षे परिवार की कुर्सी हिली है। हालांकि राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे अभी अपने पद पर कायम हैं, लेकिन उनके कई परिजनों को सत्ता से अलग होना पड़ा है। फिलहाल, राजपक्षे परिवार घिरा हुआ नजर आता है। लेकिन क्या यह कहा जा सकता है कि राजपक्षे परिवार का सूर्यास्त हो गया है। ये सवाल इसलिए अहम है, क्योंकि श्रीलंका को इस हाल में पहुंचाने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी इसी परिवार है। इस परिवार का जलवा इतना ज्यादा रहा है कि अब भी बहुत से लोग मानते हैं कि उसकी वापसी हो सकती है। इसके लिए राजपक्षे परिवार ने चालाकी दिखाई है। उसने विपक्ष के नेता रानिल विक्रमसिंघे को ढाल बनाया है। कहा जा रहा है कि फिलहाल रानिल राजपक्षे ब्रांड को नया रूप देने में मददगार बने हैँ।
राजपक्षे परिवार के कई सदस्य फिलहाल पृष्ठभूमि में चले गए हैँ। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री महिंद राजपक्षे भी हैँ। साथ ही बासिल राजपक्षे भी अभी सीन से गायब हैं, जो मौजूदा संकट शुरू होने के पहले देश के वित्त मंत्री थे। बासिल राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंद राजपक्षे के भाई हैँ। बताया जाता है कि राजपक्षे खानदान में 39 व्यक्ति हैं, जो किसी ना किसी रूप में सत्ता से जुड़े हुए थे। छह सदस्य तो सर्वोच्च सरकारी पदों पर थे। बताया जाता है कि उनके अधिकार क्षेत्र में देश का लगभग 70 फीसदी बजट था। अब सिर्फ गोयबया ही सत्ता में हैँ। लेकिन समझा जाता है कि रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री बनाने के लिए राजी कर लेना राजपक्षे परिवार की एक बड़ी कामयाबी है। उनके प्रधानमंत्री बन जाने से अब सारा ध्यान उन पर केंद्रित हो गया है। अब चर्चा ऐसे सवालों पर हो रही है कि क्या रानिल सरकार देश को आर्थिक दुर्दशा के गर्त से निकाल पाएगी। इससे राजपक्षे को सांस लेने का वक्त मिल गया है। और यहीं से इस परिवार की वापसी की जमीन तैयार हो सकती है।
Tagsसरकार
Gulabi Jagat
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