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म्यांमार में इस बार सैनिक शासकों के लिए पहले जैसी आसानी नहीं है। इस बार वहां की जनता ने साफ कर दिया है कि उन्हें लोकतंत्र का गला घोंटा जाना मंजूर नहीं है। इसके लिए वहां के लोग- खास कर नौजवान बड़े जोखिम उठा रहे हैं। साथ ही उन्होंने विरोध जताने के ऐसे तरीके ईजाद किए हैं, जिनकी आज दुनिया भर में चर्चा है। बीते एक फरवरी को नव निर्वाचित संसद की पहली बैठक से कुछ घंटे पहले ही सेना ने सत्ता हथिया ली थी। उसके अगले ही दिन से देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। तब से लगातार सिविल नाफरमानी आंदोलन जारी है। इस दौरान लोगों ने अपनी ड्यूटी पर जाने से इनकार किया है, सैनिक जनरलों के स्वामित्व वाले कारोबारी घरानों का बहिष्कार किया गया है और लगातार सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं। विरोध का एक खास तरीका मोहल्लों में देखा गया है। वहां लोगों ने अपने घरों से बाहर आकर बरतन बजा कर विरोध जताते रहे हैं।