सम्पादकीय

जब भी असफल हों, मानकर चलिएगा किसी ने आप पर कृपा की है जीवन की गहराई और परिस्थितियों को समझने के लिए

Gulabi
12 Jan 2022 8:13 AM GMT
जब भी असफल हों, मानकर चलिएगा किसी ने आप पर कृपा की है जीवन की गहराई और परिस्थितियों को समझने के लिए
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दुनिया में कोई यह दावा नहीं कर सकता कि वह हमेशा सफल ही रहा हो

पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:

दुनिया में कोई यह दावा नहीं कर सकता कि वह हमेशा सफल ही रहा हो। असफलता सभी के भाग्य में लिखी होती है। इसे दुर्भाग्य मानना नादानी होगी। विवेकानंद जैसे व्यक्ति को भी जीवन में कई बार असफलता का सामना करना पड़ा था। वे कहा भी करते थे नाकामयाबी को केवल आलोचना का विषय न बनाया जाए। यह खुद के साथ दूसरों को भी पहचानने का मंत्र जैसा है। परमात्मा के अनुग्रह का एक भाव है यह।
जब असफलता हाथ लगे तो समझो प्रकृति हमारी परीक्षा ले रही है। तो जब भी असफल हों, मानकर चलिएगा किसी ने आप पर कृपा की है जीवन की गहराई और परिस्थितियों को समझने के लिए। आज के युवाओं को विवेकानंदजी से इसीलिए जुड़ना चाहिए, क्योंकि जिंदगी में हर पल एक नई चुनौती है। यदि हनुमानजी और विवेकानंदजी का आचरण जीवन में उतार लिया जाए तो सफलता और असफलता दोनों के अर्थ अलग होंगे।
झारखंड की राजधानी रांची से आज शाम सात बजे एक कार्यक्रम हो रहा है 'एक शाम युवाओं के नाम'। इसमें हनुमानजी और विवेकानंदजी के चरित्र पर चिंतन किया जाएगा। सुभारती टीवी के माध्यम से देश-दुनिया के करोड़ों लोग एक साथ हनुमान चालीसारूपी मंत्र का महापाठ करेंगे ताकि उसके गुंजन से सबके भीतर आत्मविश्वास जागे। जीवन में संघर्ष, सफलता और शांति तीनों एक साथ चल सकें, इसलिए आज शाम इस अनूठे कार्यक्रम से अवश्य जुड़िएगा।
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