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- कब होगा खेल पुरस्कार...
खेल नीति को घोषित कर उसे अब प्रकाशित भी कर दिया है, मगर अभी तक जमीनी स्तर पर कोई भी कार्य नहीं किया गया है। पिछले कुछ वर्षों से खिलाडि़यों द्वारा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते गए पदकों के लिए ईनाम बांट समारोह भी आयोजित नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश की नई खेल नीति में इस बार बहुत बढि़या तरीके से खिलाडि़यों व खेल प्रेमियों द्वारा आए सुझावों को कानूनी रूप दिया गया है। अब इसे जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करने की बारी है। राज्य के तत्कालीन हुकमरानों ने खेल विभाग को कभी खेल प्राधिकरण तो कभी खेल संस्थान बनाने की वकालत की है, मगर हिमाचल प्रदेश में खेलों की हकीकत सबके सामने है। हिमाचल प्रदेश में कई खेलों के लिए विश्व स्तरीय खेल ढांचा तो बन कर तैयार हो चुका है, मगर प्रशिक्षकों व अन्य सुविधाओं के अभाव में वहां पर उस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ नहीं हो पाया है। हिमाचल प्रदेश में अभी तक भी खेल संस्कृति का अभाव साफ देखा जा सकता है। धूमल सरकार में बनी खेल नीति में हिमाचल के खिलाडि़यों को सरकारी नौकरी में तीन प्रतिशत आरक्षण व अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल ढांचा बहुत बड़ी सौगात है।