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- जब स्वार्थ सर्वोपरि...
विश्व व्यापार संगठन की इस हफ्ते हुई बैठक में कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन को पेटेंट मुक्त करने की कोशिशें नाकाम रहीं। जेनेवा में हुई बैठक में विभिन्न देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई। कोरोना वैक्सीन को पेटेंट मुक्त करने का प्रस्ताव सबसे पहले भारत और दक्षिण अफ्रीका ने रखा था। बाद में अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन ने भी इसका भी समर्थन किया। लेकिन डब्लूटीओ की प्रक्रिया ऐसी है कि वहां फैसले आम राय से होते हैं। ऐसे में एक देश भी किसी प्रस्ताव को रोकने में सफल हो जाता है। पेटेंट मुक्ति के प्रश्न पर तो शक्तिशाली यूरोपीय देश एकजुट हैं। तो ऐसा लगता है कि ये मुद्दा कुल मिला कर कुछ देशों के इरादा जताने भर का रह जाएगा। असल में इससे कोई सूरत नहीं बदलेगी। डब्लूटीओ ने औपचारिक बयान में कहा है कि इस 'बेहद जज्बाती मुद्दे पर' नौ महीने के विचार-विमर्श का कोई नतीजा नहीं निकला है। अब सदस्य देश सितंबर की शुरुआत में एक अनौपचारिक बैठक करेंगे, जिसके बाद 13-14 अक्टूबर को औपचारिक बैठक होगी।